उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत (Uttarakhand CM Tirath Singh Rawat) ने शुक्रवार को राजभवन पहुंचकर उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को इस्तीफा सौंपा। वहीं विपक्षी दल इस बात को लेकर भाजपा पर निशाना साधते हुए नाटकीय घटनाक्रम बता रहे हैं। मिली जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के इस्तीफा देने के बाद शनिवार को भाजपा विधायक दल की बैठक होगी और इस बैठक में नए नेता का चुनाव किया जाएगा। बता दें उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत 4 महीने ही मुख्यमंत्री पद पर आसीन रह सके। वहीं तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार शाम को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को अपना इस्तीफा दिया। जानकारी के मुताबिक देर रात तक औपचारिक तौर पर राज्यपाल को भी इस्तीफा सौंपकर प्रक्रिया पूरी की गई। कहा जा रहा है कि संवैधानिक संकट के चलते उन्होंने यह इस्तीफा दिया है।
देहरादून में शनिवार को केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, बीजेपी के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम की मौजूदगी में विधान मंडल की बैठक में नए नेता का चुनाव किया जाएगा। दरअसल उत्तराखंड में 70 सीटों की विधानसभा में बीजेपी के 57 विधायक हैं। अभी इसमें से एक सीट गंगोत्री की बीजेपी की खाली है। सूत्रों के मुताबिक धन सिंह रावत और सतपाल महाराज ने शीर्ष नेतृत्व को संदेश भेजा है कि वे मुख्यमंत्री पद की कुर्सी संभालने के लिए तैयार हैं। लेकिन तीरथ सिंह रावत का कार्यकाल पूरी तरह विवादों से घिरा रहा। तीरथ सिंह रावत द्वारा दिए गए बयानों और घोषणाओं से जनता में भारी रोष व्याप्त था।
कभी लड़कियों के पहनावे को लेकर दिए गए बयान तो कभी अपनी ही सरकार की आलोचना विवादों के रूप में सीएम तीरथ सिंह रावत पर भारी पड़ती रहीं। गौरतलब है कि फटी जींस बयान काफी चर्चा में रहा। शुक्रवार को सुबह से ही यह कयास लगाए जा रहे थे कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत इस्तीफा दे सकते हैं और देर शाम तक यह कयास सच भी साबित हुए। माना जा रहा है कि सीएम पद से इस्तीफा देने का कारण 10 सितंबर तक तीरथ सिंह रावत का विधायक बनना है। बता दें उत्तराखंड की 2 सीटों पर उपचुनाव होने हैं लेकिन कोविड-19 की वजह से चुनाव आयोग द्वारा रोक लगाई गई थी। बहरहाल उपचुनाव की स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है। हालांकि आज होने वाली बैठक अहम मानी जा रही है।