आगरा। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने शनिवार को राष्ट्रीय जालमाकुष्ठ एवं अन्य माइकोबैक्टीरियल रोग संस्थान आगरा के नए अनुसंधान भवन ‘देसीकन भवन’ का उद्घाटन महानिदेशक भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद व सचिव स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग प्रोफेसर बलराम भार्गव की उपस्थिति में किया। यह नया अनुसंधान भवन कोविड-19 जांच लैबोरेट्रीज सुविधा से युक्त है।
इस नए अनुसंधान भवन में कोविड-19 की जांच के साथ-साथ अन्य अनुसंधान सुविधाएं जैसे कि पशु लैबोरेट्री माइकोबैक्टेरियम स्पीसिज की होल जिनोम सीक्वेंसिंग एवं औषधीय पौधों से फाइटोकेमिकल एक्सट्रैक्शन कर एंटीमाइकोबैक्टीरियम का विकास करना इत्यादि भी उपलब्ध है। नई कोविड-19 जांच लेबोरेटरी की क्षमता लगभग 1200 सौ सैंपल प्रतिदिन है। यह कोविड-19 जांच लैबोरेट्री बायोसेफ्टी लेवल 2 की है। इसमें स्वचालित आरएनए एक्सट्रैक्टर एवं रियल टाइम पीसीआर मशीनों की सुविधाएं उपलब्ध है। जो कोविड जांच के परिणाम को एक दिन के अंदर उपलब्ध करा देती हैं।

स्वास्थ्य मंत्री ने कोविड-19 महामारी के समय महानिदेशक आईसीएमआर डॉ बलराम भार्गव व देश के अन्य स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा किए गए कार्यों के लिए सराहना की। उन्होंने आईसीएमआर द्वारा क्षय रोग की जांच एवं उपचार संबंधित किए गए प्रयासों के लिए भी सराहना की और कहा कि इससे 2025 तक देश में टीबी को खत्म करने के लक्ष्य में मदद मिलेगी। इस दौरान उन्होंने वार्ड में जाकर कुष्ठ रोगियों से मुलाकात भी की।
मीडिया से मुखातिब होते हुए वैक्सीन पर सवाल उठाने वाले लोगों को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ऐसे लोगों की दलीलों को जनता कब का उठाकर डस्टबिन में डाल चुकी है, प्रत्यक्ष को प्रमाण की जरूरत नहीं है। मौजूदा वक्त में भारत में 1 करोड़ 95 लाख लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है। उन्होंने आगे कहा कि ‘2021 में कोरोनावायरस से खत्म करना है। पूरे देश में 2000 से अधिक कोरोना जांच के लिए लैब है और प्रतिदिन 13 लाख से अधिक जांच हो सकती है।’
आईसीएमआर के महानिदेशक प्रोफेसर बलराम भार्गव ने राष्ट्रीय जालमा पोस्ट एवं अन्य माइकोबैक्टीरियल रोग संस्थान द्वारा माइकोबैक्टीरियल अनुसंधान के क्षेत्र में किए गए महत्वपूर्ण कार्यों की सराहना की। प्रोफेसर भार्गव ने कहा कि आईसीएमआर ने बहुत मजबूती से को कोविड-19 का प्रबंधन किया है।
इस मौके पर संस्थान के निदेशक डॉ श्रीपाद ए पाटिल ने कुष्ठ रोग एवं क्षय रोग के मरीजों की देखभाल संबंधित संस्थान में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में बताया। इसके साथ ही उन्होंने नए अनुसंधान भवन के बारे में भी जानकारी दी।