जलवायु एक्टिविस्ट दिशा रवि को शनिवार को बेंगलुरू से गिरफ्तार कर लिया गया है। दिल्ली पुलिस का आरोप है कि दिशा रवि किसानों के समर्थन में बनाई गई एक विवादित ‘टूलकिट’ को सोशल मीडिया पर शेयर करने का आरोप लगाया है। ये वही टूलकिट है जो पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने सोशल मीडिया पर शेयर की थी।पुलिस ने रविवार को गिरफ्तारी की जानकारी देते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस के साइबर सेल ने पूछताछ के लिए उन्हें घर से हिरासत में लिया था।बाद में उन्हें ‘टूलकिट’ बनाने और उसके प्रसार में साजिशकर्ता के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है।
फिलहाल पुलिस का आरोप है कि दिशा रवि ने भारत सरकार के खिलाफ षड्यंत्र करने के लिए अन्य लोगों के साथ मिलकर खालिस्तान-समर्थक समूह ‘पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन’ के साथ सांठगांठ की इसके साथ ही दिल्ली पुलिस ने ट्वीट कर दावा किया है कि ग्रेटा थनबर्ग के साथ टूलकिट साझा करने वालों में से दिशा रवि भी एक थीं।
दिशा बेंगलुरु के एक निजी कॉलेज से बीबीए की डिग्री धारक हैं और वह ‘फ्राइडेज फॉर फ्यूचर इंडिया’ नामक संगठन की संस्थापक सदस्य भी हैं। दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त जनसपंर्क अधिकारी अनिल मित्तल ने एक बयान में कहा, “टूलकिट दस्तावेज से संबंधित आपराधिक साजिश से जुड़ी जांच के मामले में दिशा रवि को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया। वह टूलकिट का संपादन करने वालों में से एक हैं और दस्तावेज को बनाने और फैलाने के मामले में मुख्य साजिशकर्ता हैं।”फिलहाल दिल्ली पुलिस की कामयाबी के चलते दिशा रवि गिरफ्तार हो चुकी हैं वहीं दिशा रवि के पूरे प्लान को नेस्तनाबूद करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है।
स्वीडन की 18 साल की पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने भारत में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर समर्थन दिखाते हुए ट्वीट किया था।आरोप है कि उन्होंने एक टूलकिट भी ट्वीट किया था, जिसमें भारत में शांति व्यवस्था भंग करने को लेकर साजिश का प्लान था।दिल्ली पुलिस के मुताबिक ‘टूल किट’ में ट्विटर के जरिये किसी अभियान को ट्रेंड कराने से संबंधित दिशानिर्देश और सामग्री होती है।
अधिकारियों का कहना है कि दिशा रवि का लैपटॉप और मोबाइल फोन जांच के लिए जब्त कर दिया गया है।फिलहाल शैलेंद्र रचने वाले ऐसे गिरोह के सभी लोगों को पुलिस द्वारा खंगाला जा रहा है। फिलहाल दिल्ली की एक अदालत ने रविवार को 22 वर्षीय जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को गूगल और अन्य सोशल मीडिया कंपनियों से ‘टूलकिट’ बनाने वालों से जुड़े ईमेल आईडी, डोमेन यूआरएल और कुछ सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी देने को कहा था। हालांकि अभी भी काफी लोग उम्र की दुहाई देते हुए दिशा रवि को छोड़ने की मांग कर रहे हैं।