आगरा। तीन तलाक के खिलाफ कानून बनने के बाद भी तीन तलाक के मामले थमने का नाम नही ले रहे है। आये दिन तीन तलाक की पीड़िता इंसाफ पाने के के लिए थाने चौकियों के चक्कर काट रही है। ऐसा ही एक मामला शाहगंज थाना क्षेत्र का है। काफी समय से एक तीन तलाक पीड़िता दोषियों को सजा दिलाने के लिए पुलिस के चक्कर लगा रही है। मामला मीडिया की सुर्खियां बना तो थाना शाहगंज में मुकदमा दर्ज हुआ। थाना शाहगंज में पीड़िता की ओर से भ्रूण हत्या, तीन तलाक और अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज है लेकिन दोषियों के खिलाफ कोई उचित कार्यवाही नही हुई है।
पीड़िता का कहना है कि उसकी शादी 13 दिसंबर 2018 को नावेद कुरेशी से हुई थी लेकिन शादी के बाद दहेज के लिए उसे प्रताड़ित किया जाने लगा और शादी के 14 महीने बाद ही तीन तलाक कहकर उसे घर से बाहर निकाल दिया। इस मामले में बमुश्किल 17 फरवरी 2020 को मुकदमा दर्ज हुआ लेकिन कार्यवाही कुछ नही हुई। शादी के बाद से ही उससे 10 लाख रुपये और एक घर की मांग की जाने लगी। इस मांग को पूरा कराने के लिए आये दिन बेरहमी के साथ मारपीट की जाती थी। 14 महीनों में कई बार ऐसे मोड़ आये कि वो बुरी तरह से टूट गयी। शादी के कुछ महीने बाद जब को प्रैग्नेंट हुई तो उसे लगा कि बच्चे के आने से सब कुछ ठीक हो जाएगा लेकिन ससुराल वालों ने यह खुशी भी उससे छीन ली। खाने में कुछ मिलाया जिससे उसकी तबियत खराब हुई और हॉस्पिटल ले जाकर ओबोर्शन करा दिया।
पीड़िता का कहना है कि पुलिस ने मामला तो दर्ज कर लिया है लेकिन आरोपियों के खिलाफ कोई उचित कार्यवाही नहीं हुई है। दोषी चैन की नींद सो रहे हैं तो पुलिस भी इस मामले को ठंडे बस्ते में डालने का प्रयास कर रही है। इस घटनाक्रम में उसने अपने पिता को खो दिया है, वह किसी भी कीमत पर दोषियों को सजा दिलवाए बिना चैन की सांस नहीं लेगी, चाहे उसे इसके लिए कोई भी कदम क्यों ना उठाना पड़े।