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यूक्रेन से लौटी छात्रा ने बताया – इस कारण से भारतीय छात्रों से दुर्व्यवहार कर रहे हैं यूक्रेन सैनिक

by admin
The student who returned from Ukraine told - for this reason, Ukrainian soldiers are misbehaving with Indian students

Agra. रूस और उक्रेन के बीच छिड़े युद्ध के दौरान आगरा की एक ओर बेटी की घर वापसी हो गयी है। मारुति एस्टेट के पास पुष्प पुनीत विला निवासी मेडिकल छात्रा राशि गुप्ता सकुशल घर वापस आ गई हैं। उनके घर वापसी से परिवारके खुशियां तो लौटी है लेकिन उनका अनुभव अच्छा नहीं रहा। एक तो उक्रेन में युद्व की शुरुआत तो वहीं उक्रेन की सेना का दुर्व्यवहार ने राशि को हिलाकर रख दिया है।

राशि ने बताया कि वो यूक्रेन की टर्नोपिल नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी से मेडिकल की पढ़ाई कर रही है। रूस व उक्रेन के बीच शुरू हुए युद्ध के दौरान ही वो पोलैंड बॉर्डर पहुँची और फिर स्लोवाकिया। बुधवार शाम को वो स्लोवाकिया से रवाना हुई थी। गुरुवार दोपहर को राशि के घर पहुंचते ही परिवार में खुशियां लौट आईं। राशि ने बताया कि वो पोलैंड बॉर्डर पर फंसी रही थी। इसके बाद स्लोवाकिया के रास्ते भारत पहुंचीं। राशि ने बताया कि पोलैंड सीमा पर यूक्रेनी मिलिट्री भारतीयों से हर दर्जे की अभद्रता और मारपीट कर रही थी। यूक्रेन के सैनिक कह रहे थे कि आपकी सरकार ने हमें सपोर्ट नहीं किया तो हम आपका सहयोग क्यो करें।

राशि बताती है कि जिस दिन अटैक शुरू हुआ, उसी दिन सारे एटीएम में लाइन लग गई थी। कुछ ही देर में एटीएम में रुपये खत्म हो गए। अगले दिन एयर स्ट्राइक के सायरन बजने लगे। लगा कि कुछ देर और रूकेंगे तो मौत को गले लगाएंगे। हमारी यूनिवर्सिटी में 2800 भारतीय छात्र थे। पोलैंड सीमा पर पहले 35 किमी पैदल चलकर पहुंचे। वहां किसी को प्रवेश नहीं दिया। 1500 बच्चे लाइन में लगे थे। यूक्रेनी मिलिट्री छात्रों के साथ बदसलूकी कर रही थी। सैनिक छात्रों को थप्पड़ मार रहे थे।

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू पहुंचे थे स्लोवाकिया

स्लोवाकिया से रवाना होने से पहले राशि गुप्ता और बाकी भारतीय छात्रों से वहां केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने बातचीत की। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यूक्रेन में फंसे देश के प्रत्येक छात्र-छात्राओं को निकालना प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री का यह निर्देश भी है। राशि गुप्ता ने परिजनों को किरेन रिजिजू के साथ अपनी तस्वीर और वीडियो क्लिप भी साझा की है। इसमें किरेन रिजिजू कह रहे हैं कि अभी ऑपरेशन खत्म नहीं हुआ है। और भी लोग अभी यूक्रेन में फंसे हुए हैं। उनको निकालने का प्रयास किया जा रहा है।

ओडेसा में हो रही बमबारी-फायरिंग

यूक्रेन के ओडेसा शहर से रजत सिनसिनवार बुधवार को घर आ गए। अलबतिया निवासी डॉ. गुलाब सिंह के पुत्र रजत ने बताया कि वहां बमबारी व फायरिंग हो रही है। सबसे ज्यादा मुश्किल सफर ओडेसा से रोमानिया बॉर्डर तक रहा। 30 किमी पैदल चलना पड़ा। बॉर्डर पार करने के बाद दो दिन, दो रात वहां आश्रय मिला। दूतावास की तरफ से व्यवस्थाएं की गई थीं। बुधवार सुबह 9.30 बजे रोमानिया से फ्लाइट दिल्ली आए। दोपहर 12 बजे वह घर पहुंच गए।

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