Agra. पिता-पुत्र की एक जोड़ी ने अपराध की दुनिया में अपनी अलग पहचान बना ली। इस जोड़ी ने ही जीआरपी के भी होश उड़ा रखे हुए थे। पिता पुत्र की यह जोड़ी ट्रेनों में चोरी की वारदात को अंजाम देकर फरार हो जाती। एक मामले में छानबीन करते हुए आरोपी तक पहुँचा गया और उसे गिरफ्तार किया गया। जब पूछताछ हुई तो जीआरपी के भी होश उड़ गए।
आरोपी के पास से लगभग 112 चोरी के ट्रॉली बैग लैपटॉप, महंगे कपड़े और सोना व चांदी बरामद हुआ जिसकी कीमत लगभग 12 लाख रुपए होगी। जीआरपी आगरा फोर्ट ने पिता पुत्र की इस जोड़ी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की और जेल भेज दिया है।
जीआरपी ने बताया कि दिसंबर माह में आगरा फोर्ट से एक ट्रेन में लैपटॉप चोरी हुआ था। इसकी शिकायत यात्री ने जीआरपी फोर्ट पर दर्ज कराई थी। जिसकी जांच पड़ताल के दौरान एक सीसीटीवी कैमरेके आरोपी कैद हो गया। जीआरपी ने आरोपी की पहचान नरेश के रूप में की। पुलिस ने तुरंत नरेश तक पहुंचने के लिए कवायद शुरू कर दी और आखिरकार उसमें सफलता भी हाथ लगी।
विदेशी महिला का चुराया था सामान
पूछताछ में बताया कि करीब 2 माह पूर्व मरुधर एक्सप्रेस से एक विदेशी महिला का ट्रॉली बैग, लैपटॉप व अन्य सामान चोरी किया था। चूँकि आरोपी हर जगह बस स्टैण्ट, रेलवे स्टेशन आदि स्थानों पर अपने आप को पुलिस इंस्पेक्टर बताकर रौब गाँठता था इसलिए उसकी पहचान पुलिस वाले के रुप में हो गई थी। बस इसी का फायदा उठाकर चलती ट्रेनों में चोरी किये गये सामान को आसानी से लेकर निकल जाता था और कोई शक भी नहीं करता था। चोरी किये गये सामान को अलग-अलग स्थानों पर ले जाकर सस्ते दामों में बेच देते थे जिससे उन्हें पैसा मिल जाता था
पिता छात्रवृत्ति घोटालें में जा चुका है जेल
एसपी जीआरपी मोहम्मद मुश्ताक ने बताया कि आगरा फोर्ट जीआरपी ने ट्रेनों में चोरी करने वाले वाले दो शातिर चोरों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए चोर पिता-पुत्र हैं। नरेश चंद्र और उसका बेटा आर्यन निवासी सम्राट नगर, फिरोजाबाद और हाल निवासी मधुनगर देवरी रोड सदर आगरा हैं। पूछताछ में नरेश ने बताया कि इटावा के भरथना में एसएवी इंटर कॉलेज में प्रवक्ता था। बाद में वह कमीशन से उसी कॉलेज में प्रधानाचार्य बन गया। वर्ष 2012 में उसे छात्रवृत्ति घोटाले में निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद 2017 में उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया।
आरोपी ने बताया कि नौकरी से बर्खास्त होने के बाद उसने ट्रेनों में चोरी करने शुरू किया। वह इटावा से भरतपुर रूट पर ट्रेनों में चोरी करता था। वह सुबह-सुबह एसी कोच में पहुंचता था। उस समय अधिकांश यात्री फ्रेश होने जाते हैं। ऐसे में वह उन यात्रियों का बैग और अन्य सामान चुराकर उतर जाता था। आरोपी ने अपने बेटे आर्यन को भी चोरी में शामिल कर लिया। आरोपी का कहना था कि बेटे को 10-12 हजार की नौकरी कराने से क्या मिलता। उसके घर की किस्त ही 35 हजार रुपये जाती है। ऐसे में उसे भी अपने साथ शामिल कर लिया। दोनों पिता-पुत्र ट्रेन, बस स्टैंड पर चोरी करते थे। अब तक वे 1000 से ज्यादा सामान चोरी कर चुके हैं।
12 लाख का सामान बरामद
पुलिस ने जब आरोपी के पास से माल बरामद किया तो उन्हें उम्मीद नहीं थी कि इतनी बड़ी मात्रा में बरामदगी होगी। आरोपी ट्रेनों से चोरी किए गए ट्राली बैग, सूटकेस और अन्य सामान को पैक करके बाजार में बेचता था। पुलिस को आरोपी के पास से करीब 97 ग्राम सोने व 475 ग्राम चांदी के आभूषण, दो लैपटॉप, 112 ट्राली बैग, एक दर्जन से अधिक पर्स व बैग व कपड़े बरामद हुए हैं। सभी सामान की अनुमानित कीमत करीब 12 लाख रुपये है।
2012 और 2019 में जा चुका है जेल
आरोपी नरेश वर्ष 2012 में छात्रवृत्ति फर्जीवाड़े में जेल जा चुका है। इसके अलावा 2019 में एक करोड़ की रंगदारी मांगने में भी वह जेल चा चुका है। उसके खिलाफ आगरा के अलावा झांसी और इटावा में कुल छह मुकदमे दर्ज हैं। अभियुक्त द्वारा बताया गया कि वर्ष 2019 में थाना सदर बाजार व कोतवाली जनपद आगरा से रंगदारी के मामलों में जेल जा चुका है।