Agra. पोस्टमार्टम गृह पर अज्ञात मृतक के रूप में व्यापारी का शव रखा हुआ था। इधर ट्रांस यमुना थाना पुलिस परिजनों से व्यापारी को ढूंढने की बात परिजनों से कहती रही। परिजनों ने आज चौकी पर हंगामा काटा तो पुलिस एक्शन में आई। थोड़ी देर बाद पुलिस ने परिजनों को बुलाया और कहा एक शव मिला है उसकी शिनाख्त करनी है। पुलिस ने उन्हें फोटो दिखाया तो पता चला कि वह शव उन्हीं व्यापारी का था जिसे पूरा परिवार ढूंढ रहा था। इस घटना के बाद परिवार में कोहराम मच गया। परिजनों ने जमकर हंगामा काटा और पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। पुलिस ने अपनी साख बचाने के लिए आनन-फानन में प्रेस वार्ता भी कर दी और कहा कि व्यापारी के हत्यारे पकड़े गए हैं।
पूरी घटना 27 जुलाई की है। 27 जुलाई की रात्रि लगभग 8 बजे करीब व्यापारी विनोद गुप्ता अपने घर से निकले थे लेकिन वापस नहीं लौटे। देर होने पर फोन किया तो फोन बंद आने लगा परिजनों को चिंता हुई तो उन्होंने थाने के लिए दौड़ लगाई। पुलिस तो पुलिस है, नियम कानून का खेल अच्छी तरह से जानती है। इसीलिए परिजनों को समझाने लगी कि व्यापारी अपनी मर्जी से गए हैं वापस आ जाएंगे। 24 घंटे से पहले तो उनकी मिसिंग रिपोर्ट भी नहीं लिखी जा सकती। यह कहकर परिवार को घर वापस भेज दिया। 24 घंटे बीतने के बाद भी कोई सुराग ना लगने पर परिजनों ने फिर थाने के लिए दौड़ लगाई। पुलिस से काफी विनती करने के बाद पुलिस ने मिसिंग रिपोर्ट दर्ज की लेकिन पुलिस ने व्यापारी की तलाश करने की कोई जहमत भी नहीं उठाई।
इस बीच एत्मादपुर पुलिस को यमुना में तैरता हुआ एक शव मिला। इसकी जानकारी पुलिस के आला अधिकारियों तक पहुंची लेकिन स्थानीय पुलिस ने मामला करीब का होने के बावजूद एत्मादपुर पुलिस से कोई पूछताछ नहीं की और ना ही उस शव को देखा। शिनाख्त न होने पर एत्मादपुर पुलिस ने भी अज्ञात में शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया।
हंगामा किया तो 4 दिन बाद आई याद
व्यापारी को लापता हुए 4 दिन बीत गए। चार दिनों में पुलिस उनका कोई भी सुराग नहीं लगा पाई। इस पर परिजनों का आक्रोश फूट गया। परिजन स्थानीय थाने पर पहुंच गए और हंगामा काटने लगे। इस बीच परिजनों को अज्ञात शव का फोटो दिखाया गया। फोटो देखकर परिवार के लोग बुरी तरह से टूट गए। फोटो में जो युवक था वह लापता पायल व्यापारी था।
पुलिस की कार्यशैली पर उठे सवाल
इस घटना के बाद पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं। 4 दिन से मृतक का शव पोस्टमार्टम गृह पर रखा हुआ था और स्थानीय पुलिस परिजनों से कह रही थी कि विनोद की तलाश जारी है जल्द ही उन्हें ढूंढ लिया जाएगा। उनकी तलाश के लिए पैसे भी मांगती रही जिससे गाड़ी का पेट्रोल डीजल का खर्चा निकल सके। मृतक के परिजनों ने एक व्यक्ति पर शक जताया था और बार-बार उसी का नाम ले रहे थे लेकिन पुलिस ने उस व्यक्ति से पूछताछ करने का प्रयास नहीं किया।
बेटी बोली- पुलिस हमसे झूठ बोलती रही
मृतक की बेटी शैली ने थाने में चीख-चीख कर कहा कि उनके पापा को तलाशने में पुलिस ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई। रात को ही हम लोगों ने अनिल और राजेश चौहान पर शक जताया था। मगर, पुलिस ने हमारी बात गंभीरता से नहीं ली। एसआई रेखा रानी को जांच दी गई। उन्होंने पापा को तलाशने के लिए 50 हजार रुपए मांगे। उन्होंने कहा कि उनको तलाशने के लिए गाड़ी में डीजल लगेगा। एक दिन पहले ही उन्होंने 50 हजार रुपए लिए। इसके बाद वह भरोसा दिलाती रहीं कि पापा की लोकेशन मिल गई है। वह बिल्कुल सुरक्षित हैं। आज रात को उनको लेकर सुपुर्द कर देंगे। हम उनकी बातों का भरोसा करते रहे। जबकि अब बताया गया है कि पापा का मर्डर तो 27 जुलाई की रात को ही कर दिया गया था। पुलिस हमसे लगातार झूठ बोलती रही।
साख बचाने के लिए पुलिस ने उठाया यह कदम
मंगलवार को जैसे ही व्यापारी के परिजनों को अज्ञात शव का फोटो दिखाया गया तो उन्होंने उसकी शिनाख्त विनोद के रूप में की। इसके बाद पुलिस ने भी आनन-फानन में कार्रवाई करना शुरू कर दिया। 3 लोगों को हिरासत में लिया गया जिन्होंने इस पूरी हत्याकांड को अंजाम दिया था। डीसीपी सिटी सूरज कुमार ने इस पूरे मामले की प्रेस वार्ता की। प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने बताया कि व्यापारी की हत्या करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। मुख्य आरोपी अनिल मृतक व्यापारी का दोस्त है। उसका व्यापारी के घर आना-जाना था। उसने तीन लाख रुपए उधार लिए थे। विनोद उससे अपने रुपए मांग रहे थे। इसलिए उसने हत्या की साजिश रची। इसमें उसके साथ तीन और दोस्त शामिल थे।