भारत सरकार को कोरोना के सिंगल डोज वाले स्पुतनिक लाइट टीके के जल्द आने की उम्मीद है। सूत्रों के मुताबिक कुछ ही हफ्तों में स्पुतनिक लाइट के लिए मंजूरी देने के लिए आवेदन किए जा सकते हैं। दरअसल स्पुतनिक लाइट भारत में मिलने वाला सिंगल डोज़ पहला टीका बन सकता है। कोरोना के टीकों की घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए कुछ दिन पहले केंद्र सरकार के अधिकारियों के बीच बैठक में चर्चा की गई थी। दरअसल यह बैठक पिछले हफ्ते कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में हुई थी। जिसमें स्पुतनिक लाइट के लिए मंजूरी प्रक्रिया तेज करने को लेकर सभी संबंधित हितधारकों के साथ बैठक आयोजित करने की सलाह दी गई थी।
हितधारकों में जैवप्रौद्योगिकी विभाग के सचिव, विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी, भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआइ), आरडीआइएफ (रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड) और घरेलू निर्माता उपस्थित होंगे। इस मामले से जुड़े सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, स्पुतनिक की सिंगल डोज आने के साथ मौजूदा दो डोज वाली स्पुतनिक-वी टीके की दूसरी डोज में इस्तेमाल होने वाले रिकाम्बिनेंट एडिनोवायरस टाइप-5 (आरएडी-5) घटक के महत्व का मुद्दा भी अब अनावश्यक हो जाएगा क्योंकि निर्माता इस घटक को लेकर असहज हैं।
हालांकि भारत में रूसी कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक-वी का उत्पादन शुरू हो गया है लेकिन इससे वैक्सीन आपूर्ति में कोई मदद नहीं मिलेगी लेकिन इस बात के लिए समझा जा सकता है कि दो-तीन महीने बाद इसका अच्छा रिजल्ट सामने आ सकता है। बता दें स्पूतनिक वी रूस के गामालेया वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित की गई है। रूसी निवेश कोष रशियन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड और पैनेसिया बायोटेक ने इस वैक्सीन का भारत में उत्पादन शुरू करने की घोषणा की।
भारत में रूस के डिप्यूटी राजनयिक रोमन बाबुशकिन का कहना है कि कोविड-19 वैक्सीन स्पुतनिक लाइट के मानव परीक्षण का तीसरा चरण जारी है। कोरोना के खिलाफ स्पुतनिक की सिंगल डोज वाली वैक्सीन का नाम स्पुतनिक लाइट है। उन्होंने आगे कहा, “स्पुतनिक लाइट का तीसरे चरण का मानव परीक्षण चल रहा है। हमें विश्वास है कि वैक्सीन का उत्पादन यहां होगा क्योंकि कम समय में दवा उत्पादन क्षमता के संदर्भ में भारत दुनिया का अग्रणी देश है।”