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कपड़े-फुटवियर पर जीएसटी दरें बढ़ाए जाने पर सपा ने कमिश्नरी पर किया विरोध प्रदर्शन

by admin
SP protested against the commissionerate on the increase in GST rates on clothes and footwear

Agra. ‘पहले वर्तमान सरकार ने गरीब लोगों की रोजी-रोटी छीन ली और जीएसटी कर बढ़ाकर गरीब लोगों के कपड़ों के साथ-साथ उनके फुटवियर और घर के सपने को भी छीनने काकाम कर कर दिया है।’ यह कहना है समाजवादी पार्टी व्यापार सभा के प्रदेश सचिव मनोज गुप्ता का। सरकार ने कपड़े और फुटवियर पर जीएसटी की दरें बढ़ा दी हैं जिसके विरोध में सपा व्यापार सभा की महानगर इकाई ने आगरा कमिश्नरी पर जोरदार प्रदर्शन किया और मंडलायुक्त अमित कुमार को भारत सरकार के वित्त मंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंप कपड़े, फुटवियर, ईट पर जीएसटी की बढ़ाई गई दरों को वापस लेने की मांग की।

आगरा मंडल आयुक्त कार्यालय में प्रदर्शन के दौरान समाजवादी पार्टी व्यापार सभा के पदाधिकारियों ने कपड़े, फुटवियर और ईट पर जीएसटी टैक्स बढ़ाए जाने के विरोध में जमकर विरोध प्रदर्शन किया। सपाइयों ने नारेबाजी करते हुए कहा कि अब तो सरकार ने उनके अंडर गारमेंट्स और बनियान भी छीनने का काम कर दिया है तो वहीं लोगों को जूते चप्पल पहनने से भी मायूस कर दिया है। केंद्र सरकार गरीब व्यक्ति की हर जरूरत की चीज पर टैक्स बढ़ाने का काम कर रही है जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

सपा व्यापार सभा के प्रदेश सचिव मनोज गुप्ता का कहना है कि सरकार ने हाल ही में गरीब व्यक्ति की सबसे जरूरतमंद की कपड़े, फुटवियर व ईट पर जीएसटी 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12% कर दिया है जिससे कपड़े भी महंगे हो गए। जूते चप्पल भी महंगी हो गए और गरीब व्यक्ति के सपनों के घर बनाने का सपना भी और ज्यादा महंगा हो गया। पहले से ही गरीब व्यक्ति लॉकडाउन और कोरोना की मार झेल रहा है। ऐसे में जरूरत की चीजों पर जीएसटी बढ़ाकर सरकार ने जले पर नमक छिड़कने का काम कर दिया है।

सपा व्यापार सभा के पदाधिकारियों का कहना था कि एक छोटा व्यापारी कपड़े, फुटवियर का कारोबार भी अधिक करता है। ऐसे में इन पर जीएसटी बढ़ाकर सरकार उनके व्यापार को चौपट करने में लगी हुई है। अगर इन पर जीएसटी बढ़ गया तो ग्राहक कैसे इन छोटी दुकान पर पहुंचेगा।

सपा व्यापार सभा से जुड़े पदाधिकारियों का कहना था कि लॉकडाउन और कोरोना वायरस से पहले से ही छोटा व्यापारी घाटे की मार झेल रहा है। ऐसे में अगर इन वस्तुओं पर जीएसटी बढ़ा दिया गया तो व्यापार करना मुश्किल हो जाएगा। इतना ही नहीं जब से जीएसटी विभाग अलग से बना है। जीएसटी अधिकारी भी छोटे व्यापारियों का उत्पीड़न कर रहे हैं। आज छोटा व्यापारी अपनी आवाज बुलंद करता है, उसकी आवाज को दबा दिया जाता है। ऐसे में उसका व्यापार करना और ज्यादा मुश्किल हो जाएगा।

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