आगरा। प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी, बलात्कार, लूट, डकैती, अपहरण जैसे संगीन वारदातों वारदातों से आक्रोशित समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता शुक्रवार को धरने पर आ गए। समाजवादी पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता और बड़ी संख्या में पदाधिकारी प्रतापपुरा स्थित गांधी प्रतिमा के समक्ष मौन धरने पर बैठ गए। इस दौरान समाजवादी पार्टी ने पोस्टर और बैनर पर लिखे नारों से जहां प्रदेश सरकार को जमकर घेरा तो वहीं हाथरस में मासूम बच्ची के साथ बलात्कार जैसी घिनौनी गैंगरेप जैसी घिनौनी घटना की निंदा की। सिर पर समाजवादी पार्टी की टोपी, मुंह पर मास्क और हाथों में तख्तियां लिए समाजवादी पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता और पदाधिकारी मौन संदेश देकर प्रदेश सरकार पर के प्रति आक्रोश व्यक्त कर रहे थे।
समाजवादी पार्टी वरिष्ठ नेता रामजीलाल सुमन का कहना था कि उत्तर प्रदेश में जंगलराज जैसी स्थिति पैदा हो चुकी है। उत्तर प्रदेश की जनता भूखमरी के कगार पर पहुंच चुकी है। प्रदेश में बलात्कार जैसे गंभीर घटनाओं में इजाफा हो रहा है। प्रदेश में युवा बेरोजगार हो रहा है। यही वजह है कि समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता और धरने के माध्यम से प्रदेश सरकार को चेतावनी देने का काम कर रहे हैं।
जिलाध्यक्ष रामगोपाल बघेल ने कहा कि पार्टी शीर्ष नेतृत्व के आह्वान पर आज हमने 2 घंटे का मौन धरना दिया है। उन्होंने कहा कि आज योगी सरकार के राज में बेरोजगार युवा, किसान और गरीब आत्महत्या करने को मजबूर हो रहा है। बहन बेटियों के प्रति अपराध बढ़ रहा है जिससे जनता में आक्रोश है।

समाजवादी के कार्यकर्ता और पदाधिकारियों के धरने प्रदर्शन को देखकर प्रतापपुरा इलाके को छावनी बना दिया गया था। बड़ी संख्या में सदर, ताजगंज, रकाबगंज का पुलिस फोर्स मौके पर बुलाया गया। महिला पुलिस के साथ में पीएसी बल भी मौके पर इकट्ठा कर लिया गया था तो वहीं एसीएम चतुर्थ विनोद कुमार और सीओ सदर महेश कुमार स्वयं मौके पर थे।
सवाल यह भी उठता है कि पूरे उत्तर प्रदेश में इस समय धारा 144 लागू है। एक स्थान पर चार से ज्यादा व्यक्ति एकत्रित नहीं हो सकते। ऐसे में धारा 144 का उल्लंघन माना जाएगा तो फिर पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी में समाजवादी पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता और पदाधिकारी बिना अनुमति के कैसे धरना दे रहे थे। धारा 144 का उल्लंघन होते हुए भी पुलिस प्रशासन के लोग मौन क्यों थे।
एसीएम चतुर्थ विनोद कुमार का बयान आया है कि इस मामले में धारा 144 के उल्लंघन के तहत समाजवादी पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को चिन्हित कर उन पर मुकदमा कायम किया जाएगा। अब देखना होगा कि इस मामले में आगरा प्रशासन क्या निर्णय लेता है।