‘तूने मुझे बुलाया शेरावालिये और चलो बुलावा आया है’, जैसे माता के गीतों से लोगों के दिलो में अपनी जगह बनाने वाले भजन गायक नरेंद्र चंचल अब इस दुनिया में नहीं रहे। शुक्रवार को भजन गायक नरेंद्र चंचल ने अपोलो अस्पताल में दोपहर लगभग 12:15 बजे अंतिम सांस ली। वे 80 साल के थे। बताया जाता है कि बीते तीन माह से नरेंद्र चंचल बीमार चल रहे थे और दिल्ली के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। शुक्रवार को करीब 12.15 बजे अपोलो अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गयी।
गायक नरेंद्र चंचल ने माता के भजनों को नई दिशा दी। एक समय ऐसा आया जब उनके गीतों के बगैर नवरात्र की कल्पना नहीं की जा सकती थी। नरेंद्र चंचल के बारे में कहा जाता है कि वे बचपन में अपनी मां कैलाशवती के मुंह से माता के भजन सुना करते थे। इसी से उनमें संगीत के प्रति रुचि जागी।
अमृतसर में जन्मे तथा जालंधर को अपनी कर्मभूमि मानने वाले नरेंद्र चंचल के निधन से शहर के धार्मिक स्थलों में भी शोक की लहर है। सिद्ध शक्तिपीठ श्री देवी तालाब मंदिर में हर वर्ष नवरात्रि के दिनों में हाजिरी लगवाने आते थे। श्री देवी तालाब मंदिर के जागरण के बाद उनका कैरियर बुलंदियों पर पहुंचा था।
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