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यह कैसी धार्मिक आस्था कि विसर्जन के बाद हुआ गणपति का बुरा हाल

by admin

फिरोजाबाद। जब भी गणपति उत्सव आता है तो हम सभी बहुत खुशी खुशी गणपति उत्सव मनाते हैं, पूजा अर्चना करते हैं लेकिन जब हम उनकी विदाई करते हैं विसर्जन करते हैं, उसके बाद ऐसे भूल जाते हैं जैसे उनसे हमारा कोई नाता ही नहीं हो। सोफीपुर स्थित पसीना वाले हनुमान मंदिर के पास स्थित गणेश जी के विसर्जन स्थल का जो हाल है इस वक्त वह यही बयां कर रहा है।

गणपति बप्पा की जो मूर्तियां विसर्जित की गयीं, वहां पानी की इतनी पर्याप्त व्यवस्था नहीं रही कि मूर्तियां पूरी तरह विसर्जित हो जायें, कहने को वहां पास ही दो दिन से यमुना को साफ करने का अभियान प्रशासनिक अधिकारियों व समाजसेवियों द्वारा चल रहा है लेकिन इस ओर कतई ध्यान नहीं दिया गया। आज जब गणपति बप्पा की पूर्ण विसर्जित न होतीं प्रतिमायें देखीं तो मन विचलित हो उठा।

कहीं न कहीं यह सवाल बन कर उभरता है क्या शहर में विभिन्न स्तर से समाजसेवा करते सामाजिक संगठनों की जिम्मेदारी नहीं बनती अगर ये प्रतिमायें विसर्जित नहीं हो पायीं तो इनको एकत्रित कर विधि विधान से विसर्जित की जायें ताकि हमारी पूजा अर्चना पर सवाल न उठ सके। क्या इसीलिए हम हर बरस गणपति बप्पा को विदा करते हैं। उनका यह हाल हो, अगर ऐसा ही रहा तो गणपति बप्पा भी कहने लगेंगे आने से बेहतर है न आना।

फिलहाल प्रशासनिक अधिकारियों व सामाजिक संगठनों को चाहिये कि इस दिशा में भी कदम उठाया जाये।

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