Home » जूते पर जीएसटी बढ़ाने के विरोध में शू मार्केट रहे बंद, सीएम के नाम ज्ञापन सौंप व्यापारियों ने दी ये चेतावनी

जूते पर जीएसटी बढ़ाने के विरोध में शू मार्केट रहे बंद, सीएम के नाम ज्ञापन सौंप व्यापारियों ने दी ये चेतावनी

by admin
Shoe market remained closed in protest against increasing GST on shoes, traders submitted memorandum to CM, gave this warning

Agra. जूते पर जीएसटी बढ़ाये जाने के विरोध में आज शू कारोबारियों ने अपने प्रतिष्ठानों को बंद रखकर सरकार के खिलाफ बढ़ाए गए जीएसटी दरों का विरोध जताया। एक हजार रुपये तक के जूते पर जीएसटी को पांच से बढ़ाकर 12 फीसद किए जाने के विरोध में बुधवार को ताजनगरी में जूता कारोबार पूरी तरह बंद रही। हींग की मंडी, सदर भट्टी, धाकरान, बिजलीघर, सुभाष बाजार स्थित जूते, सोल व कंपोनेंट्स की सभी दुकानें बंद रहे। जो लघु जूता व्यापारी थे उन्होंने भी अपनी फैक्ट्रियों को बंद रखा और सरकार के खिलाफ अपना आक्रोश व्यक्त किया। जीएसटी को जूते पर 12% तक किए जाने के विरोध में जूता कारोबारियों और उससे जुड़े एसोसिएशन ने जुलूस निकाला और जिला मुख्यालय पर जमकर प्रदर्शन किया।

एक जनवरी से एक हजार रुपये तक के जूते पर जीएसटी को बढ़ाकर 12 फीसद कर दिया गया है। इससे पूर्व एक हजार रुपये तक के जूते पर केवल पांच फीसद ही जीएसटी लागू था। जीएसटी में की गई ढाई गुना वृद्धि का जूता कारोबारियों द्वारा विरोध जताया जा रहा है। आगरा शू फैक्टर्स फेडरेशन के आह्वान पर बुधवार को जूता कारोबार से संबंधित 25 मार्केट पूरी तरह बंद रही। यहां दुकानों के ताले सुबह से नहीं खुले। जूता कारोबारी व कारीगर दोपहर 12 बजे हींग की मंडी के नजदीक स्थित राखी सिनेमा पर एकत्र हुए।

फेडरेशन के अध्यक्ष गागनदास रामानी ने बताया कि शहर में जूते से संबंधित 25 मार्केट हैं। एक हजार रुपये तक के जूते पर जीएसटी को पांच से बढ़ाकर 12 फीसद किए जाने के विरोध में सभी मार्केट बंद हैं। जूते पर जीएसटी बढ़ाए जाने से घरों में कुटीर उद्योग के रूप में जूता बनाने वाले छोटे कारोबारी और व्यापारी प्रभावित होंगे। जीएसटी बढ़ाए जाने से छोटे कारखाने बंद हो सकते हैं, जिससे बेरोजगारी बढ़ेगी। इससे अराजकता फैल सकती है।

जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन के दौरान जूता कारोबारियों ने मुख्यमंत्री के नाम सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा और सरकार को चेतावनी देते हुए कहा अगर फुटवियर से जीएसटी 12% से घटाकर पांच परसेंट करें। अन्यथा चुनाव में परिणाम झेलने के लिए तैयार रहे। अगर जूता व्यापारियों की मांगे नहीं मानी गई तो आंदोलन आगे भी जारी रहेगा।

इस अवसर पर लघु जूता व्यापारी श्याम जरारी ने कहा कि सरकार ने ऐसी स्थिति पैदा कर दी है कि अब वह गरीबों के पैरों से जूते छीनने का भी काम कर रही है। जो कर 5% हुआ करता था उसे बढ़ाकर 12% कर दिया है जबकि आगरा जूता मंडी है। जूते का कारोबार आगरा में बहुत होता है। छोटे लघु उद्योग से जुड़े जूते के कारोबारी गरीब व मध्यम वर्गीय लोगों को ध्यान में रखते हुए जूते का निर्माण करते हैं और बनाते हैं लेकिन सरकार ने सबसे ज्यादा इसी पर चोट की है जो बर्दाश्त योग्य नहीं हैं।

जूता कारोबारी श्याम जरारी ने कहा कि सरकार हर स्थिति में गरीबी नहीं बल्कि गरीब को खत्म करने में जुटी हुई है। एक तरफ फ्री का राशन देकर अपनी सरकार की साख बढ़ाने में लगी हुई है तो वहीं इस गलन भरी सर्दी में उसके पैरों से जूते छीनने का काम सरकार द्वारा किया जा रहा है।

Related Articles