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ABVP का 67वां राष्ट्रीय अधिवेशन जबलपुर में हुआ सम्पन्न, शिक्षा-ख़ेल-रोजगार से जुड़े मुद्दों पर हुआ विचार-विमर्श

by admin
67th National Convention of ABVP was held in Jabalpur, discussions were held on issues related to education-sports-employment

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का 67वां राष्ट्रीय अधिवेशन 24-26 दिसम्बर को रानी दुर्गावती नगर, ऋषि जाबालि की तपोभूमि जबलपुर में सम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम की पूरी जानकारी देने के लिए राजा मंडी, आगरा स्थित एबीवीपी कार्यालय में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। जिसमें इस अधिवेशन के दौरान विभिन्न थीम और विषयों पर आधारित कार्यक्रमों की चर्चा करते हुए इस अधिवेशन के उद्देश्य और परिणाम के बारे में विस्तार से बताया गया।

एबीवीपी के पदाधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि जबलपुर में संपन्न हुए एबीवीपी के इस अधिवेशन में स्वाधीनता के 75 वर्ष व 75वें वर्ष की यात्रा पर अभाविप विषय पर भाषण, स्वराज प्रदर्शनी, शहीद स्मारक, शोभा यात्रा खुला अधिवेशन जैसे अभूतपूर्व आयोजन किये गए। अधिवेशन का उद्घाटन नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी द्वारा किया गया। इस वर्ष का यशवंत राव केलकर युवा पुरस्कार से सृष्टि फाउंडेशन के संस्थापक कार्तिकेय गणेशयन जी को सम्मानित किया गया।

अधिवेशन के पूर्व राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में जनजातीय समाज के समर्पण का सम्मान “जनजातीय गौरव दिवस” प्रस्ताव के माध्यम से भारत सरकार का अभिनंदन किया गया। इस अधिवेशन में अभाविप ने शिक्षा क्षेत्र तथा युवाओं से जुड़े विषय जैसे शिक्षा की पवित्रता की रक्षा हेतु ‘शिक्षित समाज आगे आये’, ‘वर्तमान परिदृश्य’, ‘परिसर गतिविधियों में खेल बने प्राथमिकता’, इन शीर्षकों से तीन विषयों पर प्रस्ताव पारित किए गए।इसके माध्यम से अभाविप की  आगामी योजनाएं की चर्चा की गई। इन प्रस्तावों में अभाविप द्वारा शिक्षा, अर्थव्यवस्था, भारतीय संस्कृति, राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर विचार किया गया।

अभाविप ने कोरोना काल के दौरान शिक्षण संस्थानों में आई शिथिलता के कारण ऑनलाइन माध्यम के प्रभाव से बाहर निकलने, शिक्षण कार्य के अतिरिक्त फिजूल शुल्क लेने, आभासी कक्षाओं के माध्यम से बढ़ते अनियमितताओं, शिक्षा की गुणवत्ता, नैतिक पतन पर रोक, जनसँख्या नियंत्रण, धार्मिक तुष्टिकरण के फलस्वरूप हिंसा आदि विषयों पर चर्चा के उपरांत राष्ट्रव्यापी आंदोलन का निर्णय लिया है।

प्रथम पारित प्रस्ताव के अंतर्गत शिक्षा के नैतिक पतन को रोकने हेतु शिक्षण संस्थान खोलने, विद्यार्थियों में रुचि हेतु खेल, सांस्कृतिक कार्यक्रम, व्यक्तित्व विकास हेतु सेमिनार जैसे कार्यक्रम के आयोजन हों। देश के उज्ज्वल भविष्य को ध्यान में रखकर सभी शिक्षाविदों से शिक्षा में नैतिक पतन रोकने व शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हेतु दायित्व निर्वहन का आग्रह किया गया।

दूसरा प्रस्ताव “वर्तमान परिदृश्य” विषय रहा जिसमे भारतीय अर्थव्यवस्था के अंतर्गत आये विभिन्न सकारत्मक परिवर्तनों जैसे विश्वनाथ कॉरिडोर, केदारनाथ मंदिर पुनर्निर्माण, 150 करोड़ जनता का टीकाकरण, भारत में रोजगार के अवसर, महिलाओं के विवाह की आयु 21 वर्ष करने, अग्नि प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण, जम्मू कश्मीर सरकार द्वारा शिक्षण संस्थानों के नाम वीरगति प्राप्त सैनिकों के नाम पर रखने के निर्णय जैसी उपलब्धियों पर अभाविप ने स्वागत किया है। पर्यावरण संरक्षण हेतु COP-26 में भारत के 2070 तक नेट जीरो कार्बन लक्ष्य की पूर्ति हेतु देश के नागरिकों एवं युवाशक्ति का आह्वान किया है।

तृतीय प्रस्ताव में भगवान बिरसा मुंडा जी के जन्मजयंती को जनजाति गौरव दिवस घोषित करने के भारत सरकार के निर्णय का अभिनंदन किया है। चतुर्थ प्रस्ताव में परिसर गतिविधियों में खेल बने प्राथमिकता विषय के अंतर्गत अभाविप ने भारत द्वारा टोक्यो ओलिंपिक में 7 एवं पैराओलिंपिक में 19 कुल 26 पदक जीतने के सजरात्मक प्रयास के प्रति हर्ष व्यक्त करते हुए सरकार से खेल बजट बढ़ाने, सरकारी व निजी उद्योगों से CSR का 5% खेल को देने, योग व आत्मरक्षा गतिविधियों की अनिवार्यता, खेल शोधवृत्ति को बढ़ाने,खेल परिषद के गठन व स्थानीय खेलों के संवर्धन की मांग की है।

अधिवेशन के समापन सत्र में अभाविप के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्राध्यापक छगनभाई पटेल द्वारा संगठनात्मक घोषणाओं के क्रम में अभाविप बरेली से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. भूपेंद्र सिंह, क्षेत्रीय संगठन मंत्री मनोज नीखरा, प्रांत संगठन मंत्री जयकरन, केंद्रीय कार्य समिति सदस्य प्रियंका तिवारी, राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य में आगरा से कुनाल दिवाकर, रमन शर्मा, मथुरा से नीटू शर्मा, बरेली से अवनी यादव आदि घोषणाएं ब्रज प्रांत से हुईं।

प्रांत अध्यक्ष डॉ.अमित अग्रवाल ने कहा कि जबलपुर में पारित किए गए प्रस्ताव वर्तमान भारत के युवाओं के आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है। जिसके माध्यम से विविध क्षेत्रों में सुधार की व्यापक संभावनों पर कार्य करते हुए देश को बेहतर दिशा देने का संकल्प स्पष्ट होता है। इन सभी प्रस्तावों के माध्यम से आये विषय राष्ट्र के पुनर्निर्माण की दिशा व दशा तय करते हैं।

प्रेस वार्ता के दौरान केंद्रीय कार्य समिति सदस्य प्रियंका तिवारी, राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य रमन शर्मा, कुनाल दिवाकर, महानगर अध्यक्ष डॉ.बी.के. अग्रवाल, महानगर मंत्री कर्मवीर बघेल आदि उपस्थित रहे।

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