आगरा के सांसद और एससी आयोग के चेयरमैन रामशंकर कठेरिया ने प्रेस वार्ता कर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी पर निशाना साध दिया है। रामशंकर कठेरिया ने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी माइनॉरिटी की यूनिवर्सिटी नहीं है। सन 1968 में सुप्रीम कोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को माइनॉरिटी की यूनिवर्सिटी नहीं माना। इसके बाद 2005 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को माइनॉरिटी की यूनिवर्सिटी नहीं माना।
1000 करोड़ रुपया प्रतिवर्ष आने के बाबजूद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के छात्रों के साथ अन्याय कर रही है। एस सी आयोग के चेयरमैन और सांसद रामशंकर कठेरिया ने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी माइनॉरिटी की यूनिवर्सिटी नहीं है। जिसको लेकर कमीशन ने सारे विभागों की रिपोर्ट मंगा ली है और सभी विभागों ने कमीशन को लिख कर दिया कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी माइनॉरिटी की यूनिवर्सिटी नहीं है । कमीशन ने रिपोर्ट तैयार कर ली है और सितंबर के माह में कमिशन की रिपोर्ट पर इंप्लीमेंट होगा। और कमीशन खुद पार्टी बनकर सुप्रीम कोर्ट जाएगा।
एससी एसटी एक्ट के विरोध में स्वर्ण समाज के आंदोलन पर सरकार बैकफुट पर है। रामशंकर कठेरिया का कहना है कि सवर्ण समाज के लोगों को विपक्ष गुमराह कर रहा है । लिहाजा एससी एसटी एक्ट में कोई संशोधन नहीं किया गया है। जो एक्ट 2 साल, 10 साल पहले था । वही एक्ट अब भी है ।