आगरा। पिछले कुछ दिनों से रोडवेज के कर्मचारी एक फोन कॉल के कारण दहशत में है। अधिकतर कर्मचारियों को फोन कॉल आ रहे हैं और उनसे उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछा जा रहा है। एक ही दिन में कई बार फोन कॉल आने के चलते कर्मचारी दहशत में है कि कहीं उन्हें कोरोना पीड़ित न बना दिया जाए।
यह पूरा मामला आइएसबीटी बस स्टैंड से जुड़ा हुआ है। कोरोना संकट काल के दौरान रोडवेज कर्मचारियों ने अपनी जान हथेली पर रखकर प्रवासी मजदूरों की सेवा की थी और उन्हें उनके गंतव्य तक पहुँचाया था। उसी दौरान आइएसबीटी पर जिला चिकित्सालय की ओर से कोरोना टेस्ट भी कराये गए थे। फ्री में कर्मचारियों के टेस्ट हुए लेकिन अब यह टेस्ट उनके लिए सिरदर्द बन गया है। रोडवेज कर्मचारियों की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट तो नहीं आई लेकिन एक दिन में एक कर्मचारी से कई बार फोन करके स्वास्थ्य की जानकारी जरूर ली जा रही है जिससे कर्मचारियों में आक्रोश पनप रहा है।
पीड़ित रोडवेज कर्मचारी प्रमोद श्रीवास्तव ने बताया कि कोरोना के लिए बनाए गए कंट्रोल रूम से दिन में कई बार फोन आते है। स्वास्थ्य विभाग वाले कोरोना टेस्ट को लगभग 10 से 15 दिन होने के बाद भी आज तक रिपोर्ट तो नहीं पाया लेकिन फोन करके मानसिक उत्पीड़न कर रहे हैं। परेशान न करने की बात कहने पर मुख्यमंत्री से शिकायत करने की बात कहते है। इस कारण रोडवेज कर्मचारियों के लिए यह कोरोना टेस्ट मुसीबत बन गया है।