आगरा। घटना 23 अगस्त की है। निबोहरा थाना क्षेत्र में 23 अगस्त को मोटरसाइकिल पर सवार दो व्यक्तियों से लोगों ने मारपीट कर राइफल लूटी। राइफल लूट की घटना में पुलिस ने सत्यभान की ओर से मुकदमा भी दर्ज किया। धारा 395 डकैती के अंतर्गत दर्ज हुए इस मुकदमे में पीड़ित ने कई लोगों को नामजद किया था। घटना के कुछ दिन बाद लूटी हुई ये राइफल लावारिस अवस्था में खेत से बरामद हो जाती है।
बस यहीं से पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान उठता है। सवाल इस बात का है कि मोटरसाइकिल पर सवार दो युवकों से खुले में डकैती होती है। राइफल की खुलेआम लूट होती है जिसका सीसीटीवी वीडियो सामने आता है। अभियोग पंजीकृत किया जाता है तो वह नामजद लोगों के अलावा पुलिस से यह रायफल लावारिस खेतों से बरामद कैसे हो जाती है ।
सवाल इस बात का भी है कि घटना को हुए 2 महीने हो गए। लूट करने वाले आरोपी सीसीटीवी में कैद हैं और मुकदमे में नामजद है। बावजूद इसके निबोहरा पुलिस ने गिरफ्तारी अभी तक क्यों नहीं की।
पीड़ित सत्यभान का आरोप है कि इलाकाई पुलिस आरोपियों से मिलीभगत कर रही है। यही वजह है कि आरोपी घटना में नामजद है और जेल नहीं जा रहे हैं जिससे आरोपियों के हौसले बढ़े हुए हैं ।
पीड़ित को संभावना है कि आरोपी उसके साथ दोबारा घटना कर सकते हैं। ऐसे में पुलिस के अफसरों को चाहिए कि थाना पुलिस को दिशा-निर्देश जारी करें और सीसीटीवी कैमरे में कैद राइफल की लूट करने वाले आरोपियों को पर तत्काल कार्यवाही की जा सके।