आगरा। ताजनगरी आगरा के सदर थाना क्षेत्र में बिना नंबर की एक जगुआर कार की चेकिंग करना पुलिस को भारी पड़ गया।जगुआर कार में सवार हिल्स कैफे रेस्टोरेंट का स्वामी और रईसजादा नियाजउद्दीन के साथ में सवार दो लोगों ने पुलिस से अभद्रता करते हुए धक्का-मुक्की की। इतना ही नहीं अपनी रसूख की मद में अंधा हो चुका रईसजादा नियाजउद्दीन ने अपने साथियों के साथ इंस्पेक्टर सदर और अन्य पुलिसकर्मियों की वर्दी उतरवाने और ट्रांसफर कराने की धमकी दी। इसके बाबजूद भी पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार नही किया बल्कि खाकी वर्दीधारी पुलिस ने रईसजादे नियाजउद्दीन और दो अन्य के खिलाफ धारा 332 धारा 353 सरकारी कार्य में बाधा और पुलिसकर्मियों से अभद्र व्यवहार के तहत मुकदमा दर्ज किया है। मगर सवाल इस बात का है कि चेकिंग के दौरान रसूख की मद में अंधे हो चुके रईसजादे नियाजुद्दीन और उसके दो साथी पुलिसकर्मियों से अभद्रता करते रहे और पुलिस ने कुछ नही किया। पुलिस के सामने ऐसी कौन सी मजबूरी थी की रस्सी को सांप बनानेबक हुनर रखने वाली पुलिस ने रसूखदार और रईसजादे नियाजउद्दीन और उनके दोनों साथियों को मौका ए वारदात से गिरफ्तार नहीं किया गया। घटना 31 अगस्त की शाम की है। जब बिना नंबर की जगुआर कार में सवार रईसजादा नियाजुद्दीन अपने दो साथियों के साथ तीरंदाजी कर रहा था। बिना नंबर की जगुआर कार में तीरंदाजी कर रहे रईसजादो को जब इंस्पेक्टर सदर ने रोकने की कोशिश की। तो अपनी रसूख में अंधा हो चुका रईसजादा नियाजउद्दीन और उसके दो साथी पुलिस कर्मियों से उलझ गए और पुलिस से हद दर्जे की बदतमीजी की। गाली गलौज भी की। वर्दी उतरवाने की धमकी दी। और ट्रांसफर कराने तक की धमकी दे डाली। मुकदमा दर्ज होने के 10 दिन बाद भी पुलिस रसूखदार और रईसजादे नियाजउद्दीन को पकड़ने में बेबस और लाचार नजर आ रही है।
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