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‘जब किसान बजट पेश हो रहा था तब राहुल गांधी चले गए थे विदेश, अब पेट में क्यों हो रहा है दर्द’

by admin
'Rahul Gandhi went abroad when farmer budget was presented, why is there pain in stomach now'

आगरा। बुधवार को आगरा पहुंचे केंद्रीय राज्यमंत्री (जल शक्ति, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता) रतनलाल कटारिया ने सर्किट हाउस में पत्रकारों के साथ वार्ता की। इस दौरान उन्होंने कहा कि आगरा में यमुना और प्रधानमंत्री ड्रीम प्रोजेक्ट नल से जल को लेकर अधिकारियों से वार्ता की है। अगले महीने हरिद्वार में लगने जा रहे कुंभ मेले के दौरान एक बूंद भी गंदे पानी की गंगा नदी में नहीं गिरने देंगे। नमामि गंगे को लेकर जितने भी हरिद्वार तक प्रोजेक्ट हैं, लगभग पूरे हो चुके हैं। राज्य सरकार भी कुंभ की सफलता के लिए दिन-रात काम कर रही है। गंगा नदी की स्वच्छता व निर्मलता के साथ-साथ यमुना नदी के लिए भी कार्य लगातार किए जा रहे हैं।

केंद्रीय राज्यमंत्री ने बताया कि अभी हाल में यमुना के ऊपर 4000 करोड़ रुपए से भी ज्यादा के प्रोजेक्ट चल रहे हैं। एरिया में जहां जहां से गंगा के साथ यमुना आती है, उनके लिए एसटीपी भी बनाने योजनाएं चल रही है, उनमें से कुछ योजनाएं पूरी भी हो गई है।

उन्होंने बताया कि आज यहां के अधिकारियों के साथ ताजमहल की बैक साइड में जाकर यमुना का निरीक्षण किया है। अभी भी बहुत कुछ करना है। अधिकारियों ने हमें बताया है कि मंटोला नाला अभी भी अनट्रीटेड है। उसके लिए साढे आठ सौ करोड रुपए की योजना वर्ल्ड बैंक वर्ल्ड बैंक को गई हुई है, उस पर जैसे ही काम शुरू होता है तो 2022 के अंत तक एक बहुत बड़ा परिवर्तन यमुना के पानी में आपको देखने को मिलेगा।

कृषि कानून पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन का एपीसेंटर मेरा ही लोकसभा क्षेत्र रहा है। किसान हमारा अन्नदाता है और राष्ट्र निर्माण में बड़ी भूमिका निभाता है। ‘प्रधानमंत्री जी ने लोकसभा में कहा है कि कोई भी कानून स्थाई नहीं है। कानून जनता की भलाई के लिए बनाए जाते हैं, अगर कृषि कानून में कहीं भी कोई अड़चन है या दिक्कत है तो उसमें परिवर्तन भी किया जा सकता है।’

विपक्ष पर हमलावर होते हुए केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि ‘जिस समय कृषि कानून को लेकर बजट पास हो रहा था तब सोनिया-राहुल गांधी विदेश चले गए। बाद में वापस आकर राहुल गांधी ट्रैक्टर पर चढ़ कर विरोध जताने लगे जबकि इस कानून में विरोध को लेकर उनके पास कोई ठोस वज़ह नहीं है।’

राहुल गांधी पर चुटकी लेते हुए कहा कि ‘वे खुद को स्पीकर समझकर लोक सभा में मौन रखने लगे। कोई नियम-कानून नाम की चीज़ भी होती है कि नहीं। उन्होंने कहा पिछले कई सालों से पूरा देश उनके परनाना, नाना, पिता और माता की बात मान रहा था लेकिन अगर अब एक चाय वाला प्रधानमंत्री बन गया तो उनके पेट में क्यों दर्द हो रहा है। विपक्षियों की सिर्फ नौटंकी चल रही है। उन्हें जनता जवाब देगी।’

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