मुंबई पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने सोशल साइट्स को लेकर एक मामला दर्ज किया है।दरअसल कुछ लड़के फेसबुक पेज और यूट्यूब चैनल चलाते हैं जिसमें वे अश्लील कंटेंट अपलोड करते थे। इसके साथ कुछ लड़कियों को प्रैंक करने के लिए बुलाया जाता था। यह वीडियो मुंबई के पब्लिक प्लेसेस पर 5 से 10 मिनट की अवधि का शूट किया जाता था।
हाल में ही केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया कंटेंट को लेकर चेतावनी दी थी कि फेक न्यूज़ और अश्लील कंटेंट पर कार्रवाई का चाबुक चलाया जाएगा। इसी कड़ी में यूट्यूब चैनल चलाने वाले तीन युवकों के खिलाफ साइबर क्राइम शाखा की टीम ने मामला दर्ज किया है। इसके साथ ही तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।मुंबई पुलिस का कहना है कि आरोपी एक दो नहीं बल्कि 17 यूट्यूब चैनल और फेसबुक पेज चलाते थे, जिनमें अश्लील वीडियो अपलोड किया करते थे।मुंबई पुलिस का कहना है कि ये लड़िकयों को चौराहे पर भेजकर प्रैंक करते थे, उनके प्राइवेट पार्ट्स को टच करते थे। एक शिकायत के बाद यह कड़ी कार्रवाई पुलिस द्वारा की गई है।
पुलिस ने मामले का अनावरण करते हुए कहा कि इन तीनों युवकों ने इन यू-ट्यूब (Youtube channel)चैनलों से अभी तक करीब 2 करोड़ रुपये की कमाई की है।जानकारी के मुताबिक तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं, साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन ने आरोपियों के चैनलों को बंद कराने के लिए भी उच्च अधिकारियों को लिखा है। जिससे इस तरह की वीडियो का प्रसार ना हो सके।पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट, आईटी एक्ट और आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया है।
मिली जानकारी के मुताबिक इस मामले में मुख्य आरोपी साल 2008 में कक्षा 10 का टॉपर रहा है। हालाँकि वह अभी ट्यूशन पढ़ाता है। आरोपी नाबालिग लड़कियों को प्रैंक में शामिल होने की बात कहकर बुलाता था और बाद में उनसे अश्लील वीडियो बनाता था। पुलिस को शक है कि कई नाबालिग लड़कियों ने पॉकेटमनी के लिए इनके साथ काम किया।
वहीं जॉइंट कमिश्नर क्राइम ब्रांच मिलिंद भारांबे ने अपील की है कि पैसे के लिए ऐसे वीडियो बनाने का मामला अगर माता पिता को पता चलता है तो उसे रोके और अगर ऐसा कोई मामला आता है तो उसे साइबर पुलिस को जरूर बताएं।