Agra. ग्रामीण क्षेत्रों में घूंघट की आड़ में रहने वाली महिलाएं इस समय त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में पूरा दमखम दिखा रही हैं। घर का चूल्हा छोड़ और घूंघट की आड़ को उठाकर यह महिलाएं राजनीतिक क्षेत्र में अब कदम से कदम ताल मिलाकर राजनीति में अपनी किस्मत आजमा रही है। आज की महिलाएं अब किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है और राजनीति भी इससे अछूता नहीं रहा है जिसका जीता जागता उदाहरण त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में देखने को मिल रहा है।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में 15 ब्लॉक में लगभग 7235 महिलाओं ने नामांकन किया है। सबसे ज्यादा महिलाएं प्रधान पद की उम्मीदवार है जिनकी संख्या 2602 है तो वहीं सबसे कम उम्मीदवारी जिला पंचायत सदस्य पद के लिए है। लगभग 276 महिला प्रत्याशियों ने जिला पंचायत सदस्य के लिये आवेदन किया है। सदस्य ग्राम पंचायत के लिए 2130 एवं सदस्य क्षेत्र पंचायत के लिए 2227 महिलाओं ने पर्चा भरा है।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में प्रधान के साथ-साथ अन्य पदों पर नामंकन करने के बाद महिलाओं ने जोर-शोर के साथ जन संपर्क करना भी शुरू कर दिया है। यह महिला प्रत्याशी पुरुषों के समान ही घर-घर जाकर अपना समर्थन जुटा रही हैं। महिलाओं को दमखम के साथ चुनावी मैदान में देख आधी आबादी भी काफी उत्साहित है। उनका कहना है कि देश की राजनीति में भागीदारी मिलने के बाद उन्हें भी बराबरी का दर्जा मिलने लगा है। शहरी क्षेत्रों में तो आधी आबादी के प्रति भेदभाव कम दिखाई देता है, ग्रामीण क्षेत्र अभी भी इससे अछूता नहीं है लेकिन इस बार के चुनावी घमासान ने इस परिदृश्य को भी पूरी तरह से बदल दिया है। इस बार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का जो आरक्षण तय किया गया है उसमें महिला सीटों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। यहां तक कि जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट भी महिला सीट है। इससे पुरुषों का महिलाओं के प्रति नज़रिया बदला है।
महिला प्रत्याशियों का कहना है कि उनकी दिनचर्या इस समय पूरी तरह से बदल गई है। सुबह उठते ही जहां चूल्हा, रसोईघर के साथ-साथ पशुओं का काम देखने के लिए भागम भाग मची रहती थी तो वहीं अब सुबह उठते ही किस क्षेत्र में जनसंपर्क करना है, किन-किन लोगों से मिलना है, कहां कहां जाना है, इन्हीं सब बातों पर मंथन करने के साथ चुनावी प्रचार में इन निकल जाना होता है। परिवार के सदस्य भी पूरी तरह से उनका समर्थन और साथ दे रहे हैं।
मुख्य विकास अधिकारी जे रीभा ने बताया कि आगरा में पंचायत चुनावों के लिए जिले में 690 ग्राम प्रधान, 15 क्षेत्र प्रमुख और 51 जिला पंचायत वार्डों का आरक्षण बदला है। प्रधानों के 235, क्षेत्र प्रमुख के 5 और जिला पंचायत सदस्य के 17 पद महिलाओं के लिए आरक्षित हैं।