पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने एक बार फिर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड से भारी-भरकम हर्जाने की मांग की है। पाकिस्तान बोर्ड की मांग है कि द्विपक्षीय सीरीज न खेलने की एवज में बीसीसीआई उसे सात करोड़ डॉलर यानी करीब 500 करोड़ रुपये मुआवजा दे। अब भारत के खिलाफ पीसीबी ने आईसीसी का दरवाजा खटखटाया है। इस मामले की सुनवाई सोमवार 1 अक्टूबर से दुबई में शुरु होगी।
पाकिस्तानी बोर्ड के मुताबिक पीसीबी ने बीसीसीआई के साथ साल 2014 में सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत छह द्विपक्षीय सीरीज खेलने पर सहमति बनी थी। जिनमें पाकिस्तान की मेजबानी में घरेलू सीरीज शामिल थी। मगर भारत ने 2008 से अब तक पाकिस्तान के साथ उनकी मेजबानी में ऐसी कोई भी सीरीज नहीं खेली हालांकि दोनों देश आईसीसी व अन्य मल्टीनेशन टूर्नामेंटों में टकराते रहते हें।
पीसीबी के मुताबिक सहमति पत्र के तहत दोनों देशों को 2015 से 2023 के बीच छह द्विपक्षीय सीरीज खेलनी थी, लेकिन बीसीसीआई के टीम नहीं भेजने से पीसीबी रो भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है।
पाकिस्तान को मुआवजा देने की मांग पर बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘यह भारत और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय मामला है इसमें आईसीसी क्या कर रहा है? आईसीसी हमें खेलने के लिए मजबूर नहीं कर सकता है और बीसीसीआई पर कोई दबाव अंतरराष्ट्रीय संकट का कारण बन सकता है।’ ठाकुर ने कहा, ‘पाकिस्तान को एक पैसा भारत नहीं देगा। ठाकुर ने कहा कि पहले पाकिस्तान आतंकवाद का खात्मा करे तब उसके साथ क्रिकेट खेलने पर सोचा जा सकता है।’