Agra. आज भले ही आगरा में कोरोना महामारी से संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार कमी आ रही हो लेकिन कुछ माह पहले एक दौर आया था जिसने हाहाकर मचा दिया था। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का सबसे बुरा दौर था। आगरा में कोविड-19 से संक्रमित मरीजों की संख्या का आंकड़ा 900 के लगभग पहुंच गया था और ऑक्सीजन की बेहद कमी हो गयी। आलम ये था कि शहर में एक ऑक्सीजन का सिलेंडर खरीदने के लिए लोगों को 6 से 10 हजार तक रुपए देने को तैयार थे लेकिन उसके बावजूद लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिले और ऑक्सीजन की कमी से लोगों की जान जाने लगी। जिसका जीता जागता उदाहरण तो पारस हॉस्पिटल है जिसने ऑक्सीजन की कमी के चलते मौत की मॉकड्रिल कर दी और एक ही झटके में 22 मरीज अपनी जान से हाथ धो बैठे।
ऑक्सीजन की भारी कमी के चलते मचे हाहाकर के कारण सरकार की आंखें खुली तो पीएम केयर फंड से ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने के आदेश जारी हुए। इस योजना के तहत आगरा जिले में 23 ऑक्सीजन के प्लांट लगने का फ़रमान दिया गया। जिनमें से एक दो को छोड़ दिया जाए तो सभी अभी भी अधूरे हैं जबकि विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना की तीसरी लहर जल्द ही आएगी।
DRDO aur National Highway Authority of india की तरफ से आगरा के जिला अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट बनवाने का काम जनवरी-फरवरी में शुरू हुआ था। अधिकारियों का मानना था कि मई महीने के अंत तक ये प्लांट शुरू कर दिया जाएगा लेकिन दो माह बीत जाने के बावजूद अभी तक यह प्लांट शुरू नहीं हुआ। जानकारों का मानना है कि सितंबर से अक्टूबर महीने में ऑक्सीजन की बेहद जरूरत पड़ने वाली है क्योंकि इन दोनों महीने में कोविड-19 की तीसरी लहर आने की संभावना है।
कब तक बनकर तैयार होगा ऑक्सीजन प्लांट
जिला अस्पताल के प्रभारी निरीक्षक चंद्र प्रकाश का कहना हैं कि प्लांट लगभग पूरी तरह से बनकर तैयार हो गया है। केवल जिला अस्पताल के वार्ड तक पाइप लाइन डालने का कार्य रह गया है। इस कार्य को जल निगम द्वारा पूरा किया जाना है। इस कार्य में अभी लगभग 5 से 6 दिन लगेंगे। उम्मीद है कि उद्घाटन हम इसी सप्ताह के अंत में कर देंगे। लगभग प्लांट पूरी तरह से तैयार है। सभी मशीनरी उपलब्ध है। सही समय पर प्लांट को शुरू कर दिया जाएगा।
वैसे तो कोविड़ महामारी के चलते स्वास्थ्य व्यवस्थाएं हाशिए पर हैं। किसी ने सोचा नहीं था कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर इतनी स्ट्रांग बन कर वापस लौटेगी जो आगरा में ही सैकड़ों लोगों की जान ले बैठेगी। अब विशेषज्ञ कह रहे हैं कि सितंबर से अक्टूबर महीने में कोविड-19 की तीसरी वेब आ सकती है। इसके लिए जिला अस्पताल प्रशासन, एसएन मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं।
जानकारों का यह भी कहना है कि तीसरी लहर में बच्चों पर काफी हद तक असर पड़ने की संभावना है। इसके लिए जिला अस्पताल में 100 बेड का पीकू यानी कि Patriotic Hospital बना दिया गया है।