फतेहाबाद। बमरौली कटारा स्थित क्षेत्रीय जन विश्लेषक प्रयोगशाला पर आउटसोर्सिंग पर तैनात संविदा कर्मचारियों को पिछले दो साल से वेतन नहीं दिया गया है जिसके चलते कर्मचारियों को अपने परिवार की आजीविका चलाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। कर्मचारियों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। दो जून की रोटी भी अपने परिजनों को नहीं खिला पा रहे हैं।
वेतन की मांग को लेकर कर्मचारी क्षेत्रीय जन विश्लेषक प्रयोगशाला पहुंचे। आरोप है कि वेतन मांगने पर इंचार्ज ने अभद्रता करते हुए उन्हें धक्के मार बाहर निकाल दिया और मुख्य गेट पर ताला जड़ दिया। इसके बाद आक्रोशित कर्मचारी प्रयोगशाला के बाहर फर्श डाल बैठ गए और धरना प्रदर्शन करने लगे। वेतन न मिलने पर परिवार सहित आत्मदाह की चेतावनी दीं हैं।
जानकारी के अनुसार थाना डौकी क्षेत्र के गांव बमरौली कटारा निवासी राजेंद्र दुबे व गांव हौद निवासी दिनेश कुमार ने बताया कि हम लोगों की तैनाती आउटसोर्सिंग के तहत संविदा कर्मी के रूप में बमरौली कटारा स्थित क्षेत्रीय जन विश्लेषक प्रयोगशाला में हुई थी। कर्मचारियों का आरोप है कि वर्ष 2019 से लगातार कोरोना काल में भी ड्यूटी कर रहे हैं। ड्यूटी करने के बावजूद उन्हें वेतन नहीं दिया जा रहा है जिसके चलते परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच गया है। जब कर्मचारी वेतन मांगने के लिए जन विश्लेषक प्रयोगशाला पर पहुंचे तो आरोप है कि वहां तैनात इंचार्ज ने वेतन मागने पर उनके साथ अभद्रता की और धक्के मार बाहर निकाल गेट पर ताला जड़ दिया। जिससे आक्रोशित कर्मचारियों ने गेट के बाहर विरोध प्रदर्शन करते हुए धरना शुरू कर दिया।
वहीं इस मामले में औषधि प्रशासन उपायुक्त ए के गुप्ता का कहना है कि ये आउटसोर्सिंग कर्मचारी थे जिन्हें हटा दिया गया है। जो वेतन रुका हुआ है उसके लिए डिमांड लेटर भेज दिया है। वेतन आते ही वेतन दिया जाएगा।