शिवसेना के कद्दावर नेता संजय राऊत शिवसेना के मुखपत्र सामना में अपने लेख के माध्यम से सरकार पर तंज कसते रहते हैं और इस बार भी जब उनकी पत्नी पर ईडी द्वारा कार्यवाही की गई तब भी वे आरोप लगाने से पीछे नहीं हटे। अब पीएमसी बैंक घोटाला मामले में शिवसेना नेता संजय राउत की धर्मपत्नी वर्षा राउत ने पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के सामने पेश होने के लिए और समय की मांग की है। बता दें कि अभी हाल में ही ईडी ने वर्षा राऊत से पूछताछ करने के लिए समन भेजा था जिससे शिवसेना नेता संजय राउत की पत्नी की मुश्किलें बढ़ चुकी हैं लेकिन अभी तक संजय रावत की पत्नी वर्षा रावत पूछताछ के लिए ईडी के सामने पेश नहीं हुई हैं।
दरअसल ईडी ने उनकी पत्नी वर्षा राउत को 29 दिसंबर को पेश होने के लिए कहा है। ईडी की नोटिस के बाद संजय राउत ने ट्वीट किया, ‘आ देखें जरा किसमें कितना है दम, जमके रखना कदम मेरे साथिया।’ ईडी ने यह कार्रवाई पंजाब एंड महाराष्ट्र कॉपरेटिव बैंक फ्रॉड (PMC Bank Fraud) मामले में की है। हालांकि ईडी इससे पहले भी वर्षा राउत को पेश होने के आदेश दे चुकी है। इससे पहले ED ने उन्हें 11 दिसंबर को पेश होने के लिए कहा था।
अगर आप पीएमसी बैंक घोटाले के विषय में परिचित नहीं है तो आइए आपको बताते हैं – दरअसल PMC बैंक ने अवैध तरीके से HDIL ग्रुप को 6500 करोड़ रुपये लोन दिया था, जो सितंबर 2019 में बैंक के कुल लोन बुक साइज 8880 करोड़ रुपये का 73 फीसदी था। मार्च, 2019 में बैंक का डिपोजिट बेस 11,617 करोड़ रुपये था। वहीं यह घोटाला उजागर होने के बाद PMC Bank के पूर्व एमडी जॉय थॉमस और पूर्व चेयरमैन वरयाम सिंह को सन 2019 अक्टूबर के महीने में मुंबई की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग ने गिरफ्तार कर लिया था। इनके अलावा बैंक के और भी कई सीनियर अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया। दरअसल यह मामला सितंबर सन 2019 में सामने आया था तब एक ‘व्हिसलब्लोअर’ की सहायता से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को यह जानकारी मिली कि बैंक एक रियल एस्टेट डेवलपर को रुपए देने के लिए नकली खातों का इस्तेमाल कर रहा है। इस बैंक में अधिकांश रूप से निम्न और मध्यम श्रेणी के लोगों के खाते मौजूद थे। वहीं बैंक की 7 राज्यों में करीब 137 ब्रांच खुली हुई थी।
महाराष्ट्र में पीएमसी बैंक घोटाले की ईडी द्वारा जांच की जा रही है। इस मामले में वर्षा रावत को समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया है लेकिन संजय रावत आरोप लगा रहे हैं कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार को हिलाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है।