आगरा। उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा विभाग जल्द ही छात्रों को डिजिटल अंकसूची, डिग्री और अन्य प्रमुख दस्तावेज उपलब्ध करवाएगा। इस दिशा में विभाग ने काम शुरू कर दिया है। खास बात यह है कि यह दस्तावेज पूर्व से सत्यापित रहेंगे और छात्र को इन्हें फिर से वेरिफाई करवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह डिजिटली वेरिफाइड डाक्यूमेंटस रहेंगे। इसकी शुरुआत आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय से होगी, जहां सत्र 2022-23 से ये सुविधा शुरू हो जाएगी।
इसके तहत सभी विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रोें को अंकसूची और डिग्री डिजिटल फॉर्मेट में दी जाएगी। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि भौतिक दस्तावेजों का प्रयोग न्यूनतम हो जाएगा। छात्र कहीं से भी और कभी भी इसमें उपलब्ध दस्तावेजों का उपयोग कर सकेगा।
पोर्टल या मोबाइल एप बनाएंगे
जानकारी के मुताबिक डीजी लॉकर पर छात्राें को एक्सेस देने के लिए लिंक मोबाइल एप या पोर्टल पर उपलब्ध रहेगा। इसमें संबंधित सरकारी और निजी काॅलेजों को रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। इसके तहत विवि के अंतर्गत नामांकित छात्र डिजिटल लॉकर की सुविधा के लिए छात्र को एप अथवा वेब पोर्टल पर आधार व ई-मेल के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करना होगा।
रजिस्ट्रेशन के बाद कर सकेंगे एक्सेस
रजिस्ट्रेशन के बाद संबंधित छात्र विश्वविद्यालय का चयन कर और स्वयं का विवरण दर्ज कर दस्तावेज प्राप्त कर सकता है। इस संबंध में इस महीने के अंत में बैठक भी होगी। इसमें डीजी लॉकर के संबंध में आगे की प्रक्रिया तय की जाएगी। अगले वर्ष तक यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को इस सम्बंध में आदेशित कर दिया है।
डिजिटल दस्तावेज दिखा सकेंगे
एक बार डीजी लॉकर में अंकसूची और अन्य दस्तावेज उपलब्ध होने के बाद छात्र को अपने साथ मूल दस्तावेज रखने की जरूरत नहीं होगी। इसी से सत्यापित अंकसूची प्राप्त की जा सकेगी और दस्तावेज़ गुम होने जैसी समस्या भी नहीं होगी।