आगरा। कोरोना वायरस से आगरा में हुई मौतों पर सोशल मीडिया पर छिड़ा हुआ संग्राम थमने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को एक अखबार में कोरोना से आगरा में हुई मौतों को लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा था और आगरा के मॉडल होने पर भी तंज भी कसा था। उन्होंने ट्वीट में लिखा था कि 48 घंटे में 28 मौतें आगरा में हो चुकी हैं इसके लिए उन्होंने शासन प्रशासन को आड़े हाथ लिया था। प्रियंका गांधी के इस ट्वीट के राजनीतिक गलियारों में खलबली मचने के बाद आगरा जिला अधिकारी को सामने आकर सफाई देनी पड़ी थी।
आगरा के जिला अधिकारी पी एन सिंह ने प्रियंका गांधी के 22 जून के ट्वीट पर जवाब दिया था और उसे गलत बताते हुए सही आंकड़े साझा किए थे। इतना ही नहीं आगरा के जिला अधिकारी पीएन सिंह ने प्रियंका गांधी वाड्रा को पत्र लिखकर उनसे इस ट्वीट का 24 घंटे में खंडन करने को भी कहा था। डीएम ने पत्र में कहा है पिछले 9 दिनों में आगरा में 1139 आए हैं। 79 मरीजों की मौत हुई है एवं निराधार है।

मंगलवार सुबह अचानक से सोशल मीडिया पर फिर से कोरोना के आंकड़ों को लेकर राजनीति शुरू हो गयी। हालांकि प्रियंका गांधी ने आगरा के जिलाधिकारी के पत्र पर कोई जवाब नहीं दिया है लेकिन पिछले ट्वीट के भ्रम को ठीक करते हुए एक और ट्वीट कर योगी सरकार पर निशाना साधा है। इस ट्वीट में उन्होंने एक अखबार का हवाला देते हुए लिखा कि आगरा में कोरोना मृत्यु दर दिल्ली व मुंबई से अधिक है। यहां कोरोना से मरीजों की मृत्यु दर 6.8% है। यहाँ कोरोना से जान गंवाने वाले 79 मरीजों में से कुल 35% यानी 28 लोगों की मौत अस्पताल में भर्ती होने के 48 घंटे के अंदर हुई है। आगरा मॉडल का झूठ फैलाकार इन विषम परिस्थिति जिम्मेदार कौन है मुख्यमंत्री जी 48 घंटे के भीतर जनता को इसका जवाब दें और कोविड मरीजों की स्थिति और संख्या में की जा रही है हेराफेरी पर जवाबदेही बनाएं।
बताते चलें कि एक प्रतिष्ठित अखबार के लिंक को शेयर करते हुए प्रियंका गांधी ने जो ट्वीट किया था उससे भ्रम की स्थिति फैली थी जिससे सोशल मीडिया पर कई लोगों ने उन्हें ट्रोल भी किया था। लेकिन प्रियंका गांधी के ट्विटर वार ने प्रदेश की राजनीति गलियारों में हलचल पैदा कर दी है तो लगातार आगरा मॉडल को लेकर किए जा रहे ट्वीट से आगरा जिला प्रशासन की भी परेशानियों को बढ़ा दिया है।