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लापरवाही : हीरेन्द्र को कोवैक्सीन लगाई या कोविशील्ड, स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं कोई जवाब

by admin
Negligence: Hirendra was given Covaxin or Covishield, health department has no answer

Agra. कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए सरकार वैक्सीनेशन पर जोर दे रही है और इसके प्रति जागरूक बना रही है जिससें लोग बेझिझक होकर कोरोना की वैक्सीन लगवाए लेकिन सरकारी तंत्र की खामियां देखिए कि इस अभियान को कैसे पलीता लगाया जा रहा है। इन खामियों के कारण जो लोग वैक्सीनेशन कराना चाहते हैं वो परेशान हो रहे है। आगरा में एक ऐसा मामला सामने आया है जो यह स्पष्ट कर देता है कि वैक्सीनेशन को लेकर किस हद तक लापरवाही बरती जा रही है ।

कैमरे के सामने दिखाई दे रहा युवक का नाम हीरेन्द्र है। हीरेन्द्र देवरी रोड मधुनगर निवासी है जो वैक्सीनेशन के सरकारी तंत्र का शिकार बने है। हीरेन्द्र वेक्सीन लगवाने के बाद एक अजीब सी उलझन में आ गया। अगर आप वैक्सीनेशन को लेकर हीरेन्द्र की कहानी सुनेंगे तो आप भी माथा पकड़ लेंगे।

दरअसल 28 वर्षीय हीरेन्द्र ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराया था। इनको वैक्सीन की डेट 5 जून मिली और समय दोपहर 11 से 2 दिया गया। उत्साहित होकर हीरेन्द्र पोर्टल पर दिए हुए विभव नगर सेंटर पहुंचे और टीके के लिए अपनी डिटेल दी। इस पर स्वास्थ कर्मी ने कहा कि आपका रिकॉर्ड शो नहीं हो रहा आप इंतजार करिए। करीब आधा घंटे इंतजार के बाद भी जब रिकॉर्ड शो नहीं हुआ तो हीरेन्द्र बिना वैक्सीन लगवाए घर वापिस आ गए। कुछ देर बाद हीरेन्द्र के मोबाइल पर एक मैसेज आया जिसे देखकर हीरेन्द्र के होश उड़ गए।

मैसेज में लिखा था कि आपको पहली डोज कोवीशिल्ड सकेस्फुली लगा दी गयी है। इस मैसेज को पढ़कर हीरेन्द्र परेशान हो गए क्योंकि उन्हें टीका लगा नहीं और मैसेज भी आ गया। इसके बाद स्वास्थ विभाग द्वारा दिये गए कुछ हेल्प लाइन नंबरों पर फ़ोन किया और शिकायत करने पर जवाब मिला कि आप आज की बात भूल जाइए और दो दिन बाद सोमवार 7 जून को उसी विभव नगर सेंटर पर चले जाइये आपको वैक्सीन लग जायेगी। इस पर हीरेन्द्र ने राहत की सांस ली और 7 जून को दिए हुए समय पर सेंटर पहुंच गया। यहां हीरेन्द्र को वैक्सीन लगा दी गयी और जो सरकारी कार्ड भी दिया गया। उसमें जो वैक्सीन लगाई गई कोवेक्सिन उसे अंकित कर दिया गया। कार्ड में यह भी लिखा गया कि दूसरी कोवेक्सीन डोज आपको एक महीने बाद लगवानी है। इसके बाद हीरेन्द्र घर आ गए।

वैक्सीन लगवाने के एक दिन बाद हीरेन्द्र ने जब अपने सर्टिफिकेट के लिए आरोग्य सेतु एप खोला और सर्टिफिकेट डाउनलोड किया तो हीरेन्द्र फिर परेशान हो गया। उसके सर्टिफिकेट पर वैक्सीन का नाम कोवीशिल्ड लिखा हुआ था जबकि उसने कोवेक्सीन लगवाई थी जो सरकारी कार्ड में भी अंकित थी। अब वीरेंद्र परेशान और चिंतित है कि आखिर वह यकीन किस पर करे। सेंटर से मिले सरकारी कार्ड पर या आरोग्य सेतु से मिले सर्टिफिकेट पर। वह समझ नहीं पा रहा है कि उसे अब कोवीशिल्ड लगवानी है या कोवैक्सीन।

हीरेन्द्र स्वास्थ अधिकारियों से अपील कर रहा है कि उसे बताया जाए कि आखिर ये लापरवाही कैसे और क्यों हुई। क्या सिर्फ वही इसका शिकार हुआ या और भी ऐसे लोग हैं जिनके साथ ऐसा हुआ। यह कोई पहला मामला नहीं है। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों की कार्यप्रणाली सुधर नहीं रही है जिसका खामियाजा वैक्सीन लगवाने वालों को उठाना पड़ रहा है।

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