कवि रत्न श्री सत्यनारायण स्कूल तौरा का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। लगातार की जा रही शिकायतों के बाद स्कूल के छात्र और उनके अभिभावकों ने स्कूल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। स्कूल प्रशासन की लापरवाही के कारण सैकड़ों बच्चों का भविष्य अधर में लटक गया है। स्कूल प्रशासन इन छात्रों को कक्षा 6 से लेकर 8 तक की मार्कशीट उपलब्ध नहीं करा रहा, जिसके कारण 9वीं और 11वीं में होने वाले छात्रों के रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहे हैं। अपनी इस शिकायत को लेकर स्कूल की कुछ अध्यापिका अभिभावक और छात्र जिला मुख्यालय पहुंचे। यहां पर छात्रों ने अभिभावकों के साथ प्रदर्शन किया और अपनी समस्याओं को एडीएम सिटी के सामने रखा। एडीएम सिटी ने मौके पर डीआईओएस से फोन पर वार्ता की लेकिन इस मामले में कोई उचित समाधान नहीं निकला है जिससे बच्चों के भविष्य पर अब खतरा मंडराने लगा है।
स्कूल के छात्रों का कहना है कि उन्हें कक्षा 9 में अपना रजिस्ट्रेशन कराना है।बिना रजिस्ट्रेशन के बोर्ड के लिए क्वालीफाई नहीं होंगे। लेकिन स्कूल प्रशासन उन्हें कक्षा 6 से 8 तक की मार्कशीट ही नहीं दे रहा है।जब उनकी मार्क शीट नहीं मिलेगी तो वह कक्षा 9 के लिए रजिस्ट्रेशन कैसे कराएंगे। यही स्थिति कक्षा ग्यारहवीं के छात्रों के साथ भी बनी हुई है। छात्रों का कहना था कि स्कूल के अध्यापकों से मार्कशीट के लिए कहा जाता है तो स्कूल के अध्यापक रामनरेश और मैडम रीता उन्हें भला बुरा कह कर फटकार कर भगा देती हैं और मार्कशीट के लिए जिद करने पर धमकी भी देती हैं।
स्कूल की अध्यापिकाओं का कहना है कि सरकारी टीचरों ने स्कूल का बुरा हाल कर रखा है।वह वित्तविहीन विद्यालय को अच्छी तरह से चलाना चाहती हैं लेकिन सरकारी अध्यापक पलीता लगाने में लगे हुए हैं। बच्चों के रजिस्ट्रेशन की कल आखिरी तारीख है और उनके पास बच्चों के नामों का डाटा तो है लेकिन अंक तालिका से संबंधित कोई डेटा मौजूद नहीं हैं।वह किसके आधार पर बच्चों के रजिस्ट्रेशन कराएंगे। इस मामले में जब सरकारी अध्यापकों से वार्ता हुई तो उन्होंने सिर्फ रजिस्ट्रेशन कैसे भी कराने के लिए हमारे ऊपर ही डाल दिया। बिना पूरे पत्रों के कैसे रजिस्ट्रेशन हो सकता है।
स्कूल की एक अध्यापिका ने तो इस स्कूल के सरकारी अध्यापकों के खिलाफ जांच की भी मांग उठाई है। उनका कहना है कि ऐसे लोगों की नियुक्ति कैसे और किस आधार पर हुई, यह सरकार को और स्थानीय प्रशासन को देखना चाहिए। इस मामले में डीआईओएस को कई बार लिखित में शिकायत दी गई लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात है।सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार इतना है कि कोई भी मामला उजागर होने से पहले दब जाता है।
फिलहाल पीड़ितों का कहना है कि इस मामले में एडीएम सिटी ने डीआईओएस से फोन पर वार्ता की है और रजिस्ट्रेशन से संबंधित समस्याओं को उनके सामने रखा है लेकिन देखना होगा कि इस मामले में क्या उचित कार्रवाई होती है।