Agra. शुक्रवार का दिन इटावा सांसद रामशंकर कठेरिया के लिए राहत लेकर आया। विशेष न्यायाधीश एमपीएमएलए कोर्ट के जज नीरज गौतम ने उन्हें रेलवे एक्ट के तहत चल रहे मुकदमे में बरी करने का आदेश किया। इस आदेश के होते ही उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई और इटावा सांसद के चेहरे पर भी अलग ही खुशी देखने को मिली। वर्ष 2009 में जीआरपी आगरा कैंट में दर्ज रेलवे एक्ट की धारा के तहत इटावा से भाजपा सांसद रामशंकर कठेरिया के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। वो उस समय उच्च न्यायालय खंडपीठ स्थापना के समर्थन में वकीलों के आंदोलन में कठेरिया शामिल हुए थे।
उच्च न्यायालय खंडपीठ की मांग को आंदोलन कर रहे अधिवक्ताओं के समर्थन में कठेरिया ने 26 सितंबर, 2009 को राजामंडी रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन किया था। रेलवे ट्रैक को रोककर यातायात को बाधित किया गया था। राजामंडी के तत्कालीन स्टेशन मास्टर ने रामशंकर कठेरिया, विधायक चौधरी बाबूबाल, महिला कांग्रेस नेता इंदिरा वर्मा, उच्च न्यायालय खंडपीठ स्थापना संघर्ष समिति के संयोजक अधिवक्ता केडी शर्मा, अधिवक्ता अरुण सोलंकी व कुंवर शैलराज सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
मामले में आरोपितों की पत्रावली पृथक करने के कारण सांसद रामशंकर कठेरिया के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई अलग से की गई। सांसद के 13 सितंबर को विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए की अदालत में बयान दर्ज हुए थे। उन्हें 23 सितंबर को अदालत में हाजिर होकर अपना पक्ष रखना था। सांसद के हाजिर न होने पर अदालत ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किए थे। मामले में 27 सितंबर को कठेरिया को हाजिर होना था। 27 सितंबर को भी हाजिर न होने पर अदालत ने दोबारा गैर-जमानती वारंट जारी करते हुए अब सुनवाई के लिए 29 सितंबर की तारीख नियत की थी। इस पर सांसद कठेरिया 28 सितंबर को ही कोर्ट में हाजिर हो गए थे।

इस मुकदमे में भाजपा सांसद की पत्रावली अन्य आरोपियों से पृथक कर दी गई थी। सांसद के गैर जमानती वारंट भी जारी हो गए थे। बाद में वह तारीख पर आए थे। कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। शुक्रवार को उन्हें आरोप से बरी कर दिया गया।