सुप्रीम कोर्ट ने 28 जनवरी को विधायकों की अयोग्यता को लेकर एक बड़ा फैसला दिया है बता दें अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर विधानसभा का कोई सदस्य दल-बदल कानून के तहत अयोग्य पाया गया तो उसे विधानसभा के बाकी बचे कार्यकाल तक मंत्री नहीं बनाया जा सकता। चाहे वह विधान परिषद के सदस्य के तौर पर क्यों ना मनोनीत किया गया हो। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा जिसमें दलबदल विरोधी कानून के तहत बीजेपी विधायक एएच विश्वनाथ की अयोग्यता मई 2021 तक जारी रहने की बात कही गई है। दरअसल कांग्रेस से बीजेपी में शामिल होने पर उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गई थी और आरोग्य ठहरा दिए गए थे।
इसी के साथ मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे और जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की पीठ ने हाईकोर्ट के पिछले साल के आदेश के खिलाफ की याचिका खारिज कर दी। है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के साथ ही राज्य की बीएस येदियुरप्पा सरकार में मंत्री बनने की उनकी उम्मीदें अब खत्म हो गईं हैं।बेंच ने कहा, ‘अगर आप एमएलए या एमएलसी के रूप में चुने जाते हैं, तो आप सरकार में मंत्री बन सकते हैं, लेकिन यदि आप मनोनीत हैं, तो आप मंत्री नहीं बन सकते। उच्च न्यायालय का फैसला सही है। हम आपकी विशेष अनुमति याचिका को खारिज कर रहे हैं।’
सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने कहा कि यदि वह एमएलए या एमएलसी के रूप में चुने जाते तो यह मामला दूसरा हो सकता था लेकिन उन्हें विधान परिषद में मनोनीत किया गया है ऐसे में उन्हें मंत्री नहीं बनाया जा सकता।