आगरा। लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जो आपत्तिजनक पोस्टर लगे थे वो पोस्टर आगरा के संजय पैलेस में एक प्रिंटिंग प्रेस में छापे गए थे। इस मामले में कार्यवाही में जुटी लखनऊ पुलिस ने शनिवार को छापामार कार्यवाही को अंजाम देकर प्रिंटिंग प्रेस के मैनेजर और एक कर्मचारी को हिरासत में लिया और उन्हें अपने साथ लखनऊ ले गयी है। वहीं आपत्तिजनक पोस्टरों को लगाने वाले व्यक्ति की भी गिरफ्तारी हो चुकी है।
26 अगस्त को लखनऊ में मुख्यमंत्री कार्यालय के बाहर व कई अन्य प्रमुख स्थानों पर कुछ पोस्टर लगे मिले थे। इन पर सपा मुखिया एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को ब्राह्मणों का रक्षक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ब्राह्मणों पर फरसे से हमला करता हुआ दिखाया गया था। इस पर मुद्रक के नाम की जगह विकास यादव प्रदेश सचिव सपा छात्र सभा लिखा था। इसी स्थान पर एक फोटो भी लगा था।
इस मामले में लखनऊ के हजरतगंज थाने में एसआइ कृष्णकांत सिंह की ओर से विकास यादव के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया गया। विकास का तब तक पता पुलिस के पास नहीं था। फोटो और पदनाम के आधार पर पुलिस को पता चला कि विकास यादव आगरा के सिकंदरा क्षेत्र ककरैठा में रहता है। शुक्रवार देर रात पुलिस ने विकास यादव को गिरफ्तार कर लिया। उससे पूछताछ में जानकारी हुई कि लखनऊ में चिपकाए गए पोस्टर उसने संजय प्लेस की प्रिंटिंग प्रेस पर छपवाए थे।
लखनऊ पुलिस की एक टीम यहां आगरा आई। हरीपर्वत पुलिस को साथ लेकर प्रिंटिंग प्रेस पर छापा मारा। यहां से विजय नगर निवासी राजेंद्र उर्फ बॉबी और न्यू आगरा के करबला निवासी आसिफ को गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों ने पूछताछ में पुलिस को पोस्टर छापने की बात बताई। पुलिस के अनुसार, विकास यादव ने बॉबी से पोस्टर छापने की डील की थी। 24 एवं 25 अगस्त को 1600 रुपये में दस पोस्टर छपवाए थे। इन पर मुद्रक का नाम नहीं डाला था। इनको डिजाइन आसिफ ने किया था। पुलिस टीम दोनों को गिरफ्तार कर अपने साथ लेकर लखनऊ को रवाना हो गई।