आगरा। एक तरफ देश पर जान न्योछावर करने वाले शहीद जवानों के सम्मान के लिये सरकार उनकी स्मारक व प्रतिमा लगाने के लिए जमीन का आवंटन करने के साथ साथ परिवार की गुजर बसर के लिए भी उचित व्यवस्था करती है। लेकिन
शहर की निजी बिजली कंपनी टोरंट पावर के लिए इन शहीदों की कुर्बानी कोई मायने नही रखती है। इसलिए तो इन शहीदों का अपमान करने से नही चूक रही है। ऐसा ही कुछ घटना कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिक मोहन सिंह राजपूत से जुड़ा है।
शहीद मोहन सिंह राजपूत की पुत्री अंजना राजपूत ने बताया कि उसके पिता मोहन सिंह 1999 में हुए कारगिल युद्ध में शहीद हो गए थे। सरकार ने उनके सम्मान में सदर के बड़े उखर्रा में सन 2000 में शहीद हुए पिता की प्रतिमा लगाने और स्मारक बनाने को जमीन आवंटित की थी। अंजना ने बताया की निजी बिजली कंपनी टोरंट पावर के कर्मचारी आये और शहीद मोहन सिंह की प्रतिमा के बराबर से सटाकर बिजली के पोल लगा दिए और बताया कि इस पर बिजली का बड़ा ट्रांसफार्मर लगेगा। उन्होंने अपने परिजनों के साथ उस स्थान पर ट्रांसफॉर्मर लगाने का विरोध किया तो टोरंट के कर्मचारियों ने उनके और क्षेत्रीय लोगों के साथ हर दर्जे की बदसलूकी की और कहने लगे कि हम टोरंट के लोग है हमे कोई नही रोक सकता। उनके विरोध के बाद भी वह पोल को लगा गए। दूसरे दिन क्षेत्रीय लोग भी विरोध में आ गए। उन में गुस्सा व्याप्त है। उन्होंने आगरा डीएम ओर सीओ सदर को शिकायत की।
शहीद के परिजनों ने बताया कि टोरंट के अधिकारियों से जब इसकी शिकायत की गयी तो वह खंभे हटाने के नाम पर इधर उधर ऑफिस में चक्कर लगवा रहे है, लेकिन उनकी शिकायत पर ध्यान नही दिया जा रहा है। अब देखना ये है कि आगरा में टोरंट पावर की मनमानी पर कोन लगाम लगाता है। लेकिन ये साफ है अगर प्रतिमा के पास से पोल नही हटाये गए तो लोगों का गुस्सा सड़क पर आ सकता है।