भारतीय संस्कृति (Indian Culture) में योग (Yoga) शब्द के मायने वेदों के काल से हैं।ऋग्वेद में की गई इसकी व्याख्या के अनुसार योग एक ऐसी शक्ति है जिससे हम अपने मन, मस्तिष्क और शरीर को एक धागे में पिरो सकते हैं।वहीं भगवान शिव (Lord Shiva)को योग का साधक, आदि योगी, पहला योग गुरु माना जाता है। योग शब्द संस्कृत का शब्द है जिसकी व्याख्या ऋग्वेद में की गई है। प्राचीन काल में ऋषियों ने योग की उच्चतम विधाओं को अपनाया और खुद को नियंत्रित किया। कहा जाता है कि योग शरीर की इंद्रियों को काबू करने की क्षमता विकसित करता है।सदियों से योग को लेकर एक कहावत है “योग भगाएं रोग।” इसलिए विश्वभर ने अब इस कहावत के अर्थ को समझते हुए योग की साधना शुरू कर दी है। वहीं कोरोनाकाल (Corona period) में भी योग काफी मददगार साबित हुआ।
कब से मनाया जा रहा योग दिवस
दरअसल योग दिवस की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने अपने कार्यकाल के शुरू होने के बाद की। जिसके तहत पहली बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) 21 जून 2015 को मनाया गया। बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र (US) महासभा में एक प्रस्ताव रखा था।इस प्रस्ताव को 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने पूर्ण बहुमत से पास किया। वहीं संयुक्त राष्ट्र महासभा के 193 सदस्यों में से 170 ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को मनाने के प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी थी।
21 जून को क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
जब भी किसी दिवस के मनाने की बात की जाती है तो यह सवाल जेहन में आना लाजमी है कि आखिर इसी दिन क्यों इस दिवस को मनाया जाता है। इसके पीछे भी भारतीय वैदिक गणित से जुड़ा कारण है जो शायद आपको ना पता हो। दरअसल भारतीय वैदिक गणित के गणना के अनुसार 21 जून (June)को योग दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था। भारतीय गणना के अनुसार ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन हो जाता है जिसके चलते 21 जून का दिन साल का सबसे बड़ा दिन माना जाता है। बता दें इस दिन सूर्य जल्दी उदय होता है और देर तक अस्त होता है। बिल्कुल इसी तरह योग भी मनुष्य को स्वस्थ रखकर उसे दीर्घायु प्रदान करता है।वहीं सूर्य के दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियों को प्राप्त करने के लिए अनुकूल होता है।यही खास वजह है कि 21 जून को “अंतरराष्ट्रीय योग दिवस” के रूप में मनाते हैं।
कितने वर्षों से मनाया जा रहा है अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
विगत कुछ वर्षों से योग ने दुनिया भर में अपनी उपयोगिता दिखलाई है। जिसके चलते ज्यादातर लोगों ने अपनी दिनचर्या में योग को शामिल किया है। दरअसल योग करने से तमाम बीमारियों की परेशानियां कम हो जाती हैं। वहीं 21 जून का इस दिन योग के प्रति जागरूकता फैलाने में कम योगदान नहीं है। साल 2015 में 21 जून को पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया था। अब यह सफर 7 साल का पड़ाव पार कर चुका है। वहीं कोरोनाकाल में लोगों ने नियमित व्यायाम करके खुद को स्वस्थ रखने का प्रयास किया है।
जानिए क्या है इस साल की थीम
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर हर साल एक थीम (Yoga Day Theme) रखी जाती है। साल 2015 में इसकी थीम ‘सद्भाव और शांति के लिए योग’ थी। वहीं साल 2016 में इसकी थीम ‘युवाओं को कनेक्ट करें’ रखी गई थी। इसके बाद 2017 में ‘स्वास्थ्य के लिए योग’ को योग दिवस की थीम रखा गया था। अलावा इसके वर्ष 2018 में ‘शांति के लिए योग’ की थीम पर विश्व योग दिवस का आयोजन किया गया था। साल 2019 में योग के साथ पर्यावरण को भी कनेक्ट कर दिया गया और इसकी थीम ‘पर्यावरण के लिए योग’ रखी गई थी। साल 2020 में कोरोनावायरस के चलते इसकी थीम ‘सेहत के लिए योग- घर से योग’ रखी गई थी। बता दें इस साल अंतरराष्ट्रीय दिवस के अवसर पर ‘स्वास्थ्य के लिए योग’ यानी (योग फ़ॉर वेलनेस) निर्धारित की गई है।
सरकार ने किया प्रतियोगिता का आयोजन
सातवें योग दिवस के अवसर पर भारत सरकार ने लोगों में योग के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए ऑनलाइन प्रतियोगिता का आयोजन किया है जिसमें कुल 3 प्रतियोगिताएं (Competition) आयोजित होंगी। योग वीडियो प्रतियोगिता, योग कला प्रतियोगिता, योग क्विज प्रतियोगिता वीडियो। इन प्रतियोगिताओं में प्रतिभागी को 2 से 4 मिनट का योग का क्लिप बनाकर वेबसाइट योगा डॉट आयुष डॉट गवर्नमेंट डॉट इन (yoga.ayush.gov.in) पर जाकर अपलोड करना होगा। और प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए अपने ग्रुप का चयन करना होगा। दरअसल प्रतियोगिता में चार ग्रुप विभाजित है। पहला ग्रुप है बाल ग्रुप , दूसरा है युवा ग्रुप तीसरा वयस्क ग्रुप और चौथा वृद्धजन ग्रुप। बता दें इसमें आयुष यूपी डॉट इन( ayushup.in) पर रजिस्ट्रेशन (Registration) करा कर प्रतिभागी बनने का मौका पा सकते हैं और प्रतियोगिता में जीतने वाले प्रतिभागियों को सम्मानित किया जाएगा।