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रेहावली में उटंघन नदी पर बांध बनाने को सिचाई विभाग करेगा सर्वे

by pawan sharma
  • बांध बनाकर जल संचय को सिंचाई विभाग का अनुसंधान एवं नियोजन खंड करेगा सर्वेक्षण
  • सिविल सोसायटी ऑफ आगरा ने उपलब्ध जानकारियां देकर प्रोजेक्ट की बहु उपयोगिता पर की चर्चा

आगरा। यमुना नदी के मानसून कालीन उफान को फतेहाबाद तहसील के रेहावली गांव में सैल्यूस गेट युक्त स्ट्रक्चर (मिनी बांध) बनाकर संचित किया जा सकता है और अक्टूबर महीने में मानसून समाप्त हो जाने के बाद इसे रेग्युलेट कर फतेहाबाद, शमशाबाद विकासखंड के गांवों और नगर पालिका क्षेत्रों में पाइप लाइन सप्लाई के लिये उपयोग में लाया जा सकता है। यह विपुल जलराशि बाह, पिनाहट विकास खंडों के जलभित्ती तंत्र (एक्यूफर सिस्टम) को संतृप्त करने के लिये भी उपयोगी होंगी। उपरोक्त आंकलनों को आधार मानकर, बांध बनाये जाने की संभावनाओं के अनुकूल आंकलित कर उ प्र सिंचाई विभाग रेहावली में उटंगन नदी पर सर्वेक्षण करवायेगा।

सिंचाई विभाग के अलीगढ़ स्थित अनुसंधान एवं नियोजन खंड के अधिशासी अभियंता श्री अशोक सारस्वत ने सहायक अभियंता प्रथम ,अनुसंधान एवं नियोजन खंड अलीगढ़ को आगरा जनपद की फतेहाबाद तहसील के रेहावली और बाह तहसील के रीठे गांव के बीच उटंगन नदी के यमुना नदी में गिरने के स्थल पर गेटिड स्ट्रक्चर या अन्य वैकल्पिक व्यवस्था बनाने हेतु अनुसंधान कर आख्या उपलब्ध करवाने को कहा है।

अनुसंधान एवं नियोजन खंड को अनुसंधान कर आख्या उपलब्ध करवाने को अधिशासी अभियंता लोअर खंड आगरा नहर के द्वारा पत्र लिख कर अनुरोध किया गया था। पूर्व में अधिशासी अभियंता आगरा नहर लोअर खंड से जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ मंजू भदौरिया रेहावली गांव में बांध बनाए जाने के लिये कार्ययोजना बनाये जाने के लिये आवश्यक कार्यवाही करने को कहा था।

सैकड़ों गांवों का भूजल स्तर सुधरेगा
उल्लेखनीय है कि राजस्थान के करौली जनपद की विंध्य पहाड़ी श्रृंखला से उटंगन नदी का उद्गम होता है और यूपी में फतेहपुर सीकरी से 12 कि मी दक्षिण पूर्व में स्थित सिरौली गांव से उ प्र में प्रवेश करती है। जनपद के फतेहपुर सीकरी, जगनेर, खेरागढ, शमशाबाद, सैया, पिनाहट, बाह और फतेहाबाद विकास खंडों से होकर रेहावली (फतेहाबाद) और रीठे (बाह) गांवों के बीच यमुना नदी में समाती है। राजस्थान के द्वारा नदी स्वाभाविक बहाव और स्वाभाविक ढलानों के माध्यम से पानी आना रोक रखा गया है, लेकिन इसके बावजूद अब भी लोकल कैचमेंट एरिया और स्थानीय नालों व नदियां को पानी आना अनवरत जारी है। आगरा कैनाल के टर्मिनल से निकलने वाली जनपद की सबसे बडी नहर ‘टर्मिनल रजवाह’ की टेल नदी में ही नगला बिहारी के पास अवशेष पानी का योगदान देती है। इस अपस्ट्रीम से आने वाले पानी के साथ ही यमुना नदी के लो फ्लड लेवल पर पहुंचते ही उटंगन में पानी बैक मारने लगता है। यह बैक अक्सर बीहडी इलाके में विस्तार पाता है और पूरे मानसून काल में अरनौटा के रेलवे ब्रिज से भी दो कि मी आगे नगला बिहारी तक नदी में भरपूरता के साथ ठहराता है।

जिला पंचायत अध्यक्ष ने की हुई है प्रबल संस्तुति
जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ मंजू भदौरिया ने लगभग 600 करोड़ घन मीटर की इस जलराशि को बांध बनाकर रोकने को बहु उपयोगी मानते हुए रेग्युलेट करने के लिये बांध बनाए जाने को व्यवहारिक माना है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री स्व अटल बिहारी वाजपेयी के 25 दिसंबर, 2023 को हुए जन्म दिवस कार्यक्रम के अवसर पर बटेश्वर में प्रोजेक्ट संबंधित तथ्य पत्र भी दिया था। वरिष्ठ भारतीय जनता पार्टी के नेता श्याम सुंदर शर्मा ने भी कई बार प्रोजेक्ट को समर्थन दिया है। शर्माजी का फतेहाबाद राजनीतिक क्षेत्र रहा है, वह पानी की समस्या से पूर्ण रूप से अवगत हैं।

यू पी का पहला मॉड्यूल प्रोजेक्ट
सिविल सोसायटी ऑफ आगरा ने जनपद के भूजल स्तर में सुधार और स्थानीय जलापूर्ति में सुधार के लिये उटंगन नदी में रेहावली गांव पर गेटिड स्ट्रक्चर युक्त बांध बनाया जाना आवश्यक माना है। सिविल सोसायटी ऑफ आगरा के सेक्रेटरी अनिल शर्मा ने कहा कि बांध बनाये जाने की जरूरत और उपयोगिता स्वतः सत्यापित जरूरतें हैं। यह बांध अगर बन गया तो मानसून काल में उफनने वाली बडी नदियों के पानी को संचित रखने का उ प्र का पहला मॉड्यूल प्रयोग होगा।उन्होंने कहा कि अलीगढ़ में सिंचाई विभाग के अनुसंधान एवं नियोजन खण्ड के अधिकारियों के साथ सार्थक चर्चा हुई।

जर्नलिस्ट राजीव सक्सेना ने कहा है कि सर्वेक्षण पूर्व जो भी आधार भूत सूचनायें बांध बनाए जाने के लिये किये जाने वाले अनुसंधान को संभव थी उपलब्ध करवा दी गयीं। फिलहाल जनपद में जल संचय से संबंधित एक भी ऐसा प्रोजेक्ट नहीं है जिसको पूरा कर नदी की तलहटी को करोडो घन मीटर पानी से भरपूर रखा जा सके। अलीगढ में अधिकारियों से मिलने गये सिविल सोसायटी ऑफ आगरा के प्रतिनिधि मंडल में फोटो जर्नलिस्ट असलम सलीमी भी थे। उन्होंने 2023 मानसून के महीनों में रेहावली गांव से लेकर अरनौट के रेलवे पुल तक यमुना नदी के उफान के रूप में पहुंचे पानी के खींचे गये फोटो अनुसंधान शाखा के इंजीनियरों के समक्ष प्रस्तुत किये।

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