देश में कोरोना के बढ़ते प्रकोप और वैक्सीन की जगह जगह कमी की शिकायतों के बाद बड़ी खबर सुर्खियों में आ रही है कि रूस की कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक वी के इमरजेंसी इस्तेमाल को लेकर मंजूरी मिल चुकी है। डीसीजीआई ने मंगलवार को रूस की वैक्सीन स्पुतनिक वी के प्रयोग को लेकर सहमति जताई है।कोरोनावायरस के खिलाफ जंग लड़ने के लिए वैक्सीन को इस्तेमाल करने वाला भारत 60 वां देश बन चुका है। देश में डॉक्टर रेड्डी लैब के साथ मिलकर इस वैक्सीन का स्थानीय क्लिनिकल ट्रायल का तीसरा चरण पूरा किया गया था अब आखिर में केंद्रीय एजेंसी ने इसके आपातकालीन इस्तेमाल पर मंजूरी दे दी है।
दरअसल रूस के गमालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ने इस टीके के 91.6 फ़ीसदी असरदार होने का दावा किया है। देश में इस्तेमाल हो रही कोविशील्ड सिर्फ 80 फ़ीसदी और कोवैक्सीन 81 फीसदी असरदार है। बता दें इसकी एक खुराक की कीमत करीब ₹700 है। रूस ने इस टीके के इस्तेमाल पर पिछले साल के अगस्त महीने में मंजूरी दी थी। रूस की इस वैक्सीन को सर्बिया, अर्जेंटीना और वोल्विया सहित कई देशों ने पहले ही मंजूरी दे दी थी। अब मंजूरी देने वाला भारत विश्व का साठवां देश बन चुका है, जिसने रूस की वैक्सीन को मंजूरी दी है।भारत में रूस के राजदूत निकोलाय कुदासेव ने स्पूतनिक-वी के इस्तेमाल की सिफारिश करने को लेकर यह कहा था कि यह कदम निश्चित तौर पर कोरोनावायरस से मुकाबला करने के लिए भारत सरकार के प्रयासों में योगदान देगा।
रशियन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड के सीईओ किरिल ने स्टेटमेंट में कहा कि हम भारत के वैक्सीन को लेकर आपातकालीन इस्तेमाल करने के फैसले का तहे दिल से स्वागत करते हैं। आगे उन्होंने कहा कि रूसी वैक्सीन 91.6 फीसदी कोरोना से लड़ने में मददगार है। उन्होंने आगे कहा कि रूसी वैक्सीन कोरोना के खिलाफ लड़ने में 91.6 फीसदी असरदार है। साथ ही उम्मीद जताई कि देश में बेकाबू महामारी को इस तरीके से रोकने में मदद मिल सकेगी अभी भी जो टीके लग रहे हैं, उनसे लोगों में संक्रमण की गंभीरता नियंत्रित होती दिखाई दे रही है। अलावा इसके उन्होंने कहा कि मिले नतीजों के मुताबिक कोरोना का स्पुतनिक वी टीका लक्षणों और संक्रमण से मौतों को रोकने में 100 फ़ीसदी कारगर है।