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दो मुठ्ठी चावल के बदले श्रीकृष्ण ने दे दी अपने मित्र को दो लोक की सत्ताः आचार्य श्रीकृष्ण प्रकाश

by admin

− मुस्कान पार्क, सेक्टर आठ में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के सातवें दिन हुए सुदामा चरित्र, परीक्षित मोक्ष कथा प्रसंग
− ब्रज की फूलों की होली का श्रद्धालुओं ने लिया आनंद, स्वरूपों के संग जमकर झूमे, गूंजे बांके बिहारी के जयघाेष

आगरा। मित्रता का कहीं आदर्श प्रमाण देखना है तो श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता से बढ़कर नहीं हो सकता। एक मित्र जो राजा है, तीनों लोकों का स्वामी है तो वहीं दूसरा मित्र रंक की भांति जीवन यापन करता है। मित्रता की दरिद्रता का नाश कर उसे अपने हृदय से लगाकर जो दीनबंधु कहलाया वो ही जो जग में आदिपुरुष दीनबंधु दीनानाथ कहलाया। सुदामा चरित्र का बखान करते हुए ये भाव विह्वल शब्द कहे कथा व्यास आचार्य श्रीकृष्ण प्रकाश पाठक (वृंदावन) ने।
सेक्टर आठ, आवास विकास स्थित मुस्कान पार्क में चल रही श्रीमद् भावगत कथा के सातवें दिन सुदामा चरित्र, उद्धव को उपदेश, परीक्षित मोक्ष कथा प्रसंग हुए।
मुख्य अतिथि चिंतामणि पीठ, वृंदावन के पीठाधीश्वर डॉ आदित्यानंद, श्री लक्ष्मी पीठ के पीठाधीश्वर डॉ सत्यमित्र, श्यामानंद महाराज और श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले के पक्षकार महेंद्र प्रताप सिंह थे।
कथा व्यास श्रीकृष्ण प्रकाश पाठक ने सातवें दिन की कथा आरंभ करते हुए भगवान के 16 हजार 108 विवाह के बारे में बताया। कहा कि जरासंध की कैद से मुक्त कराके भगवान ने सभी कन्याओं से एकसाथ विवाह कर उन्हें सम्मान प्रदान किया था। इसके बाद श्रीकृष्ण− सुदामा मित्रता का वर्णन किया गया। कथा व्यास ने कहा कि भगवान भाव के भूखे होते हैं। उन्हें भाव से अर्पित किये गए दो मुठ्ठी चावल भी प्रसन्न कर देते हैं। श्रीकृष्ण सुदामा चरित्र की झांकी ने श्रद्धालुओं को भाव विभाेर कर दिया।
परीक्षित मोक्ष कथा प्रसंग में कहा कि राजा परीक्षित पातीत पावन श्रीमद् भागवत महा पुराण का श्रवण करते हुए ही ब्रह्मज्ञानी हो गए थे। जो भगवान के तत्व को जान लेता है सही मायने में वो जीवित ही मोक्ष को प्राप्त कर लेता है। कथा प्रसंग समापन के बाद श्रद्धालुओं ने ब्रज की फूलों की होली का आनंद स्वरूपों के साथ लिया। कई टन फूलों की होली से कथा स्थल सुगंधित हो उठा। इस अवसर पर जजमान श्रीकांत शर्मा और भावना शर्मा, मुख्य संरक्षक डॉ पार्थ सारथी शर्मा, हरिदत्त शर्मा, सौरभ शर्मा, हरिओम शुक्ला, दिनेश मिश्र, सचिन, प्रवीण पाराशर, मुकेश दीक्षित, नवल सिंह तोमर, संजय मिश्रा, ओमप्रकाश गोला, बबली धाकड़, शैलेंद्र उपाध्याय, पिंकी भदौरिया, मोहिनी शर्मा, पार्षद गजेंद्र, निरंजन सिंह, सुधीर चौबे, अंशु भटनागर, मुकेश दीक्षित आदि ने पवित्र ग्रंथ की आरती उतारी और कथा व्यास का सम्मान किया। गायत्री परिवार की ओर से दीप यज्ञ किया गया।

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