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मर्चेंट नैवी में नौकरी दिलाने के नाम पर सैकड़ों युवाओं से धोखाधड़ी, कई राज्यों में फैला नेटवर्क

by admin

आगरा। मर्चेंट नेवी में नौकरी का झांसा देकर करोड़ों रूपये की ठगी करने वाले ऑफश्योर शिपिंग एकेडमी के निर्देशक जुल्फिकार अहमद, मैनेजर लोकेश कुमार और चेयरपर्सन दिनेश कुमार को न्यू आगरा पुलिस ने गिरफ्तार किया है। तीनों पर आरोप है कि मर्चेंट नेवी में नौकरी लगवाने के नाम उत्तर प्रदेश सहित राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के युवाओं से ठगी की है। पुलिस के मुताबिक 7 सालों में करीब 300 युवाओं को उन्होंने अपना निशाना बनाया है और उनसे 5 करोड से अधिक रुपए की ठगी कर चुके हैं। इस पूरे मामले की जानकारी सीओ हरीपर्वत एएसपी सौरभ दिक्षित ने दी।

एएसपी सौरभ दीक्षित ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त जुल्फिकार अहमद, लोकेश कुमार और दिनेश कुमार 2013 से कौशलपुर में ऑफशोर शिपिंग एकेडमी चला रहे हैं। तीनों ने कोचिंग में शिक्षक से लेकर कर्मचारी तक रखे हुए हैं जिससे किसी को शक न हो। इन लोगों द्वारा कॉल कर बेरोजगार युवाओं को कोचिंग में बुलाया जाता है। उनसे रजिस्ट्रेशन के नाम पर 20 हजार लिए जाते हैं। एक छात्र से 4 महीने की ट्रेनिंग में लगभग ₹1 लाख 80 हज़ार लिए जाते थे। एएसपी के मुताबिक 7 साल में संचालकों ने 300 से अधिक युवाओं को निशाना बनाया और तकरीबन 5 करोड़ की धोखाधड़ी की है। तीनो शातिरों के खाते और संपत्ति की भी जांच करवाई जाएगी।

एएसपी ने बताया कि इस संबंध में राजस्थान के जालौर निवासी राकेश ने शिकायत की थी और मुकदमा दर्ज किया गया था। उसे 2 महीने पहले कॉल करके मर्चेंट नेवी में नौकरी लगवाने का आश्वासन दिया गया और रजिस्ट्रेशन के नाम पर 20 हजार रुपये लिए गए। बाद में ट्रेनिंग के दौरान 50-50 हजार खाते में जमा करवा लिए लेकिन उसे नौकरी नहीं दी गई। गिरफ्तार किए गए शातिरों पर पीड़ित छात्र राकेश के नाम का एक प्रवेश पत्र, एक फर्जी परिचय पत्र और ऑफशोर शिपिंग अकैडमी नाम की पेमेंट रसीद बरामद हुई है।

एएसपी सौरभ दीक्षित ने बताया कि तीनों शातिर मर्चेंट नेवी में नौकरी का सपना दिखाकर एकेडमी में राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब और हरियाणा के युवकों को बुलाते थे। यह लोग आगरा के किसी भी छात्र को मर्चेंट नेवी की कोचिंग नही देते थे। 4 महीने की ट्रेनिंग में 1 लाख 80 हजार रुपये वसूलता थे और 20 हजार रजिस्ट्रेशन के नाम पर पहले ही ले लेते थे। बताया जाता है कि शातिर अभियुक्त युवाओं को 4 महीने की ट्रेनिंग देते थे लेकिन ट्रेनिंग पूरी होने के बाद उन्हें घर भेज देते थे और नौकरी के लिए कॉल करने वालों से टालमटोल करते रहते थे।

ललितपुर निवासी मयंक तिवारी भी गैंग की धोखाधड़ी का शिकार हुआ। उसने न्यू आगरा के प्रभारी निरीक्षक से संपर्क किया था। उसने बताया कि वर्ष 2017 में इंटरमीडिएट किया था। नौकरी की तलाश कर रहा था तभी एक कॉल आया। कॉल करने वाले ने कहा कि आपकी कॉलेज में प्लेसमेंट के लिए आए थे वहां से आपका नंबर मिला है। क्या आप मर्चेंट नेवी में नौकरी करेंगे। नौकरी की सुनकर मैं तैयार हो गया। भोपाल में परीक्षा के लिए बुलाया गया। पास होने के रजिस्ट्रेशन की ₹20000 जमा करा दिए। बाद में ₹1 लाख एकेडमी में जमा किये। ट्रेनिंग वाले बेच में 30 विद्यार्थी थे। किसी को भीे हॉस्टल से बाहर नहीं निकलने देते थे। परिजनों से भी कभी-कभी बात कराते थे। कोई सवाल करता तो मारपीट की जाती थी। 4 महीने बाद उन्हें घर भेज दिया गया, इसके बाद कोई कॉल नहीं आया। उसने कर्ज लेकर मर्चेंट नेवी ट्रेनिंग की फीस जमा की थी वो कर्ज आज तक चुकाना पड़ रहा है।

एएसपी सौरभ दीक्षित ने बताया कि जुल्फिकार एमबीए किए हुए है। उसने एक निजी कंपनी में नौकरी भी की थी, इसके बाद दिनेश के साथ मिलकर खुद ही एकेडमी खोल ली। दिनेश ने कोचिंग खोलने में रकम लगाई थी। इस कोचिंग में 1 साल में तीन बेच चलते थे। एक बैच में 30 छात्रों को रखा जाता था लेकिन आज तक किसी भी छात्र की नौकरी नहीं लग पाई है।

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