आगरा। डाॅक्टर और मरीजों के रिश्ते किस कदर तार-तार हो रहे हैं इस बात की बानगी आगरा के एसएन इमरजेंसी में देखने को मिली, जहां चाकू से गोदे गये युवक को पैसे न देने पर रात करीब 1 बजे अस्पताल से बाहर निकाल दिया गया। इसके बाद घायल युवक 10 घंटे तक एसएन के गेट पर इलाज के लिये तपड़ता रहा। घायल युवक के भाई का आरोप है कि डाॅक्टरों द्वारा एक्स-रे अल्ट्रासाउण्ड और दवा के नाम पर पैसे मांगे गये थे जिसके लिये उसने सुबह तक का समय मांगा था वह भी उसे नही दिया गया। यहां तक कि मरीज की जेब में रखे पैसे भी अस्पताल के स्टाफ ने ले लिये और पैसे न देने पर एसएन से घायल युवक को बाहर निकाल दिया गया था जिस कारण घायल युवक एसएन के गेट पर सर्द रात में इलाज के लिये तड़पता रहा।
दरअसल बीती रात भदरौली निवासी सर्वेश प्रेस की दुकान से घर जा रहा था तभी दो बाइकों पर आये बदमाशों ने सर्वेश को पकड़ चाकुओं से गोद दिया जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने घायल युवक को आगरा जिला अस्पताल रैफर कर दिया था, जहां उसका मेडीकल होने के बाद एसएन भेज दिया गया था लेकिन सर्वेश को क्या मालूम था कि एसएन में पैसे न देने की कीमत उसे इस कदर चुकानी पड़ेगी।
जैसे ही इस मामले की जानकारी मीडिया को मिली तो एसएन गेट पर कैमरे चलते देख एसएन स्टाफ सर्किय हो गया, जिसके बाद आनन फानन में घायल युवक को स्ट्रेचर पर लिटा कर इलाज के लिये ले जाया गया लेकिन बड़ा सवाल यह है कि 10 घंटे तक घायल युवक की डाॅक्टरों ने सुध क्यो नही ली। सवाल थाना पुलिस पर भी उठता है कि जिस व्यक्ति पर जानलेवा हमला हुआ उसे पुलिस किसकी सुरक्षा में छोड़ कर गई थी।
इस पूरे मामले पर सफाई देते हुए एसएन के प्रभारी प्राचार्य ने बताया कि मरीज खुद एसएन से रात में फरार हो गया था जिसे सुबह तक ढूंढा लेकिन वह नहीं मिला। हालांकि मरीज से अवैध वसूली और दवा मंगाने की शिकायत मिलने पर जांच करा कार्रवाई करने की बात कही है।
यह पहला मामला नहीं है जब धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों ने किसी मरीज को बेकार कर बाहर निकाला हो। इससे पहले भी आगरा के ऐसे इमरजेंसी में कई मरीजों को धक्के देकर और दुत्कार कर भगाने के मामले सामने आते रहे हैं। बहराल हर बार की तरह इस बार भी जांच की बात कहकर एस एन प्रशासन ने मामले को रफा-दफा कर दिया।