आगरा। कंटेन्मेंट जोन में निवास करने वाले नवजात शिशुओं का गृह आधारित नवजात देखभाल (एचबीएनसी) का फॉलोअप आशा कार्यकर्ताओं द्वारा फोन के माध्यम से किया जाएगा। आशाएं नवजात शिशुओं के परिवार वालों से फोन पर ही नवजात के स्वास्थ्य की जानकारी लेंगी और उन्हें नवजात के स्वास्थ्य से संबंधित परामर्श भी देगी। यह निर्देश परिवार कल्याण महानिदेशक डा. मिथलेश चतुर्वेदी ने सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र भेजकर दिये हैं।
पत्र में कहा गया है कि फोन के माध्यम से फॉलोअप में आशा स्वयं कम वजन वाले बच्चों, समय से पूर्व जन्मे और सिक न्यू बोर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) से डिस्चार्ज हुए बच्चों या घरेलू प्रसव को प्राथमिकता देते हुए सभी नवजात शिशुओं के परिवारों से वार्ता करेंगी। वह शिशु के स्वास्थ्य (खतरे के लक्षण) जैसे- सुस्ती, बेहोशी, छूने पर ठंडा-गर्म स्तनपान आदि के बारे में पूछेंगी। प्रसव अस्पताल में हुआ है तो जन्म के समय बच्चे के वजन व अन्य जानकारी जुटाएगी। इस दौरान मां और परिवार को प्रसव के बाद महिला व शिशु में होने वाले खतरे के लक्षणों के बारे में बताया जाएगा। उनसे पूछेंगी और इस बात का आंकलन करेंगी कि नवजात को संदर्भन की जरूरत तो नहीं है। वह मां और परिवार को केवल स्तनपान, कपड़े में लपेट कर कंगारू मदर केयर के बारे में सलाह देंगी, साथ ही में वह यह भी सलाह देंगी कि यदि नवजात में किसी तरह के खतरे के लक्षण दिखें तो वह आशा और ब्लाक कम्युनिटी प्रोसेस मैनजर (बीसीपीएम) को सूचित करे और 102 एम्बुलेंस द्वारा वह बच्चे को संदर्भित कर आवश्यक सेवाएं दें।
राष्ट्रीय जिला समुदाय प्रक्रिया प्रबंधक डा. विजय सिंह ने बताया कि नॉन कंटेन्मेंट जोन में एचबीएनसी का गृह भ्रमण आशाओं द्वारा सामजिक दूरी रखते हुए बिना स्पर्श किए हुए मास्क पहन कर व हाथों को उचित तरीके से साबुन व पानी के साथ धोने से किया जाएगा। इस दौरान वह मां और शिशु को नहीं छुएंगी। वह मां और परिवार से ही शिशु के स्वास्थ्य (खतरे के लक्षण) जैसे- सुस्ती, बेहोशी, छूने पर ठंडा-गर्म स्तनपान आदि के बारे में पूछेंगी, साथ ही उपरोक्त बताई गयी सलाह को माँ और परिवार वालों को देंगी।