आगरा। कोरोना वॉयरस से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है। बुधवार को महकमे के अधिकारियों और कर्मचारियों की मीटिंग का आयोजन किया जिसमें कोरोना वॉयरस से लोगों को बचाव के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए टीमें गठित की गई। बैठक में अधिकारियों ने तय किया कि पोलियो टीमों की तरह कोरोना वॉयरस से बचाव के लिए टीमों को घर-घर भेजकर लोगों को जागरूक किया जाएगा और उन्हें कोरोना वायरस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी जाएगी।
बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी मुकेश कुमार वत्स ने आगरा की जनता से अपील की है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित टीमों को पूरी जानकारी देकर सहयोग प्रदान करें। उन्होंने सभी को मास्क का प्रयोग करने की सलाह दी है।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डा. यू के त्रिपाठी ने कोरोना वॉयरस के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कोरोना वॉयरस मुख्यत: श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। इसके प्रारंभिक लक्षण जुकाम, खांसी और सांस लेने में तकलीफ होते हैं। यह मुख्य रूप से व्यक्ति से व्यक्ति में तेजी से फैलता है। पास स्थित व्यक्ति की खांसी, छींक और शारीरिक तरल के संपर्क में आने पर भी संक्रमण का खतरा पैदा होता है। वायरस का शरीर में प्रवेश आंख, नाक और मुंह के माध्यम से होता है।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. संजीव वर्मन ने बताया कि कोरोना वॉयरस से निपटने के लिए टीमों का गठन किया। हर टीम में दो सदस्य होंगे। प्रत्येक टीम हर घर पर जाएगी। वहां पर मुखिया का नाम पूछेगी, यह भी जानेगी कि किसी व्यक्ति को खांसी, जुकाम तो नहीं है। उनके परिवार का कोई व्यक्ति विदेश यात्रा पर तो नहीं गया। विदेश से लौटने की तिथि भी दर्ज की जाएगी।
नोडल अधिकारी डा. रचना गुप्ता ने उपचार के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि अधिकांश व्यक्ति चिकित्सक से परामर्श और देखभाल के बाद पूर्ण स्वस्थ्य हो जाते हैं। जिला स्तर पर सभी बड़े अस्पताल इसके उपचार की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सक्षम हैं। उपचार के लिए विशेष दवाई की जरूरत नहीं है, बल्कि मरीज को अत्याधिक पानी, तरल पदार्थों का सेवन करते रहने और आराम करने से यह संक्रमण जल्दी ठीक हो सकता है।
कोरोना जानलेवा नहीं, परन्तु सावधानी बरतें –
नोडल अधिकारी ने बताया कि संदिग्ध व्यक्ति मिलने पर तुरन्त ही जानकारी सीएमओ, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, प्राचार्य एसएन मेडिकल कालेज और एसीएमओ को दें। उन्होंने बताया कि यह वायरस बहुत जानलेवा बिल्कुल नहीं है। सिर्फ वैसे लोग जिनकी इम्युनिटी कम है, खासकर बुजुर्ग आयु के लोगों को अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। 48 हजार 500 से ऊपर प्रभावित लोग अब तक ठीक हो चुके हैं। यह वॉयरस इतना खतरनाक नहीं है। इसलिए, सावधानी बरतना भी जरूरी है।
सावधनी बरतने पर दिया जोर:-
नोडल अधिकारी डा.रचना गुप्ता ने सावधानी बरतने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वार्तालाप के समय दूरी बनाए रहे। लोगों के चेहरे को छूने से बचें। निरंतर रूप से हाथ धोते रहे। खांसते व छींकते समय मुंह को रुमाल या टेसू पेपर से ढक ले। जुकाम या फ्लू जैसे लक्षण आने पर तुरन्त चिकित्सीय सहायता लें।