आगरा। खेरिया मोड़ चौराहे पर बने सेल्फी पॉइंट पर प्रतिदिन ध्वजारोहण किया जाता है लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के निधन के बाद राष्ट्रीय शोक के चलते शुक्रवार को सेल्फी पॉइंट पर ध्वजारोहण नहीं किया गया। खेरिया मोड़ बाजार कमेटी के सदस्यों ने एक शोक सभा का आयोजन सेल्फी पॉइंट पर किया। जिसमें क्षेत्र के लोगों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया।
सभी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के चित्र पर पुष्प अर्पित किए और उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान सभी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के जीवन पर अपने विचार भी रखें। लोगों का कहना था कि अटल बिहारी वाजपेई ऐसे अकेले शख्सियत के रूप में रहे जिन्होंने कभी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। चाहे फिर प्रधानमंत्री की कुर्सी ही क्यों ना छिन गई हो। ऐसे नेता को आज पूरा देश शत शत नमन कर रहा है।
खेरिया मोड़ बाजार कमेटी के लोगों का कहना था कि वह अकेले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे जिन्होंने 23 दलों के साथ गठबंधन करते हुए 5 साल अपनी सत्ता चलाई थी। इस दौरान उन्होंने राजनीति को भी एक नई दिशा दी जिसके कारण भाजपा के साथ साथ विपक्षी नेता भी उन्हें अजातशत्रु के नाम से पुकारते थे।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के जाने से देश के साथ-साथ देश की राजनीति को भी बड़ा झटका लगा है और इसकी भरपाई किसी भी कीमत पर नहीं हो सकती है।