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बाल गृह में निरूद्ध बिहार की बालिका की जागी अपनों से मिलने की उम्मीद, ट्रेन में बिछुड़ गयी थी माँ से

by admin

आगरा। एक माह से बाल गृह में निरूद्ध बिहार की बालिका को मौसी से बात करके परिवार से मिलने की उम्मीद जाग गई है। उसने रोते-रोते कहा कि मौसी भैया को भेजकर मुझे बुला लो। उधर महफूज की पहल पर प्रशासन ने भी बालिका को परिवार से मिलाने की प्रक्रिया तेज कर दी है।

15 सितंबर को ललितपुर में ट्रेन में सात वर्षीय पूजा (परिवर्तित नाम) लावारिश हालत में मिली थी जिसे जीआरपी ने उतार लिया। बाल कल्याण समिति के आदेश पर इसे आगरा के राजकीय बाल गृह (शिशु) में निरूद्ध कर दिया गया। चाइल्ड राइट एक्टिविस्ट एवं महफूज सुरक्षित बचपन संस्था के समन्वयक नरेश पारस के बाल गृह जाने पर बालिका से मुलाकात हुई। काउंसलिंग के दौरान बताया कि वह मुजफ्फरपुर जिले के कांटी कुटिया की रहने वाली है। उसके पिता दिल्ली में काम करते हैं। वह अपनी मां के साथ ट्रेन द्वारा दिल्ली से लौट रही थी। वह ट्रेन में सो गई और अपनी मां से बिछुड़ गई।

नरेश पारस ने इस संबंध में बिहार बाल आयोग, मुजफ्फरपुर के डीएम, डीएसपी, थाना कांटी प्रभारी तथा जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक से संपर्क किया। बालिका के गृह में होने की जानकारी दी। जिलाधिकारी मुजफ्फरपुर के आदेश पर जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक ने बाल संरक्षण इकाई की टीम भेजकर बालिका के घर ढुंढवाया।

घर पर बालिका की मौसी मिली। उसने टीम को बताया कि बालिका की मां भी लापता है। उसे हम अपने स्तर से खोज रहे हैं। उसने दूसरी शादी कर ली थी। उसके पति का भी पता नहीं है। हम बालिका को लाना चाहते हैं। उसकी परवरिश करेंगे। मां को भी खोजेंगे। थाना तथा ग्राम प्रधान ने भी बालिका के परिवार के यहां रहने की पुष्टि की। सहायक निदेशक ने सम्पूर्ण जानकारी नरेश पारस को दी। नरेश पारस ने बालिका से उसकी मौसी की बात कराई। बालिका ने कहा मौसी भैया को लेने जल्दी भेज दो। मां भी खो गई है। आपकी बहुत याद आती है।

नरेश पारस इस संबंध में ललितपुर प्रशासन से भी बात कर रहे हैं। वहां से बालिका की सुपुर्दगी का आदेश पारित कराकर आगरा से बालिका को सुपुर्द कराएंगे।

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