ईटावा। किताबो में पढ़ा है या फिर अभी तक बुजुर्गों से सुना है कि ब्रिटिश शासन काल में अगर कोई धोती कुर्ता पहनकर ट्रैन से यात्रा करता था तो अंग्रेज उसे गंवार कहकर ट्रैन से उतार देते थे लेकिन भारत के आजाद होने के बाद देश में कुछ लोगों का नजरिया नही बदला है। ऐसा ही एक मामला प्रदेश के इटावा का है जहां रेलवे स्टेशन पर 72 वर्षीय बुजुर्ग को महज इसलिए शताब्दी ट्रेन में चढ़ने से रोक दिया क्योंकि उसने धोती कुर्ता पहन रखा था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बुजुर्ग के पास शताब्दी के सी-2 कोच की 72 नंबर की सीट पर गाजियाबाद जाने के लिए कन्फर्म टिकट भी था लेकिन इसके बावजूद उसकी वेशभूषा की वजह से ट्रेन में तैनात सिपाही और कोच अटेंडेंट ने उस बुजुर्ग को चढ़ने नही दिया। इस दुर्व्यवहार से आहत बुजुर्ग यात्री ने स्टेशन पर मौजूद शिकायत पुस्तिका में मामले की शिकायत दर्ज की है। अपने गंतव्य तक पहुँचने के लिए बुजुर्ग को रोडवेज बस से अपना सफर पूरा किया। इस घटना के मीडिया की सुर्खियां बनने के बाद से रेलवे में हड़कम्प मचा हुआ है। अपनी जान बचाने के लिए रेलवे ने जांच के आदेश दिए हैं।
घटना गुरुवार (4 जुलाई) की बताई जा रही है। इस मामले की शिकायत होने के बाद से स्थानीय रेलवे प्रशासन इसे दबाने में लगा हुआ था लेकिन जब मामला मीडिया में उछला तो रेलवे कार्यवाही की बात कह रहा है।
बताया जाता है कि बुजुर्ग बाराबंकी के एक गांव का रहने वाला है। बुजुर्ग अवधदास ने बताया कि वह बाराबंकी के रहने वाले हैं और अपने शिष्यों के घर अक्सर जाते रहते हैं लेकिन गुरुवार को देश की प्रतिष्ठित ट्रैन में बुजुर्ग यात्री के साथ यह व्यवहार देखखर आहत हूं।
फिलहाल रेलवे मंत्रालय में इस संबंध में संबंधित डीआरएम को इस मामले में कार्यवाही के निर्देश दिए है।