उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग ने मीडिया पर लगाम लगाई है। निर्वाचन आयोग ने बड़ा फैसला लेते हुए एग्जिट पोल पर बैन लगा दिया है। 10 फरवरी से 7 मार्च तक किसी भी तरह के एग्जिट पोल दिखाने पर रोक जारी रहेगी। प्रिंट मीडिया हो या फिर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया किसी पर भी किसी भी तरह का एग्जिट पोल नहीं चलाया जाएगा। निर्वाचन आयोग ने सख्त निर्देश दिया है कि इसका उल्लंघन करने पर जुर्माने के साथ साथ 2 वर्ष कारावास की सजा तक का प्रावधान है।
यूपी के मुख्य चुनाव अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि एग्जिट पोल पर फरवरी 10 सुबह सात बजे से मार्च 7 को शाम साढ़े छह बजे तक बैन रहेगा। न तो एग्जिट पोल प्रिंट मीडिया के जरिए छापा जाएगा और न ही इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर इसे दिखाने की इजाजत रहेगी। जो भी इस नियम का पालन नहीं करेगा, उसे दो साल तक की जेल हो सकती है उस पर भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
सपा ने की थी मांग
गौरतलब है कि 1 सप्ताह पहले सपा ने चैनलों द्वारा दिखाए जा रहे ओपिनियन पोल पर भी रोक लगाने की मांग की थी। सपा की ओर जारी हुए पत्र में लिखा था कि ओपिनियन और एग्जिट पोल से मतदाता भ्रमित हो सकता है। अब एक निर्धारित समय के लिए निर्वाचन आयोग ने यूपी चुनाव के एग्जिट पोल पर बैन लगा दिया है।