आगरा। बूंद बूंद से सागर बनता है, यह बूंद आसमान से धरती की प्यास बुझाने के लिए गिरती है लेकिन कंक्रीट में तब्दील होती जा रही जमीन के कारण वो धरती की कोख में नही समा पाती और न ही हम उसे एकत्रित कर पाते है। बारिश का पानी नाली में बह रहा है, इसलिए धरती की कोख सूखती जा रही है। इसलिए हमें इस जल को सहज के रखना होगा यह कहना था श्री बांके बिहारी वेलफेयर सोसायटी के सदस्यों का। अवसर था कैलाश मन्दिर यमुना किनारे यमुना आरती का जहाँ पर सोसाइटी के सदस्यों ने क्षेत्रीय लोगों के साथ मिलकर प्राचीन कैलाश मंदिर पर यमुना आरती की और सभी को बारिश के जल को बचाने और जल संरक्षण, बेजुबान पशु पक्षियों के लिए मिट्टी के बर्तन, पर्यावरण संरक्षण के लिए एक वृक्ष लगाने और उसकी परवरिश करने का संकल्प दिलवाया।
हर सोमवार की तरह इस सोमवार को भी कैलाश मंदिर के महंत गौरव गिरि, केशव गिरि ने यमुना मैया की आरती कराई जिसमे सभी ने बढ़चढ़ कर भाग लिया और यमुना मैया को स्वच्छ बनाने का संकल्प भी लिया। इसके उपरांत पर्यावरण को सुरक्षित बनाने, ऐसी भीषण गर्मी में पक्षियों को बचाने और जल संरक्षण के लिए श्री बांके बिहारी वेलफेयर सोसायटी के संस्थापक अध्यक्ष डॉ मदन मोहन शर्मा ने सभी को संकल्प दिलवाया। इस दौरान उनका कहना था कि बारिश की एक एक बूंद सीधे धरती मां तक पहुंचनी चाहिए। जिससे आगरा का भूगर्भ जल स्तर बढ सके और पानी की कमी से जूझ रहे आगरा को राहत मिल सके। यह प्रयास सभी मिलकर करेंगे तो ही सफल हो सकता है।

प्राचीन कैलाश मंदिर महन्त गौरव गिरी ने कहा कि पर्यावरण को संतुलित रखने में पेड़ पौधों के साथ ही पशु पक्षियों की भूमिका अहम है। मनुष्य के अधिक हस्तक्षेप के चलते इन सबकी संख्या कम होती जा रही है। हम जल्द नहीं संभले तो स्थिति भयावह हो सकती है। पौधों का रोपण कर उसकी परवरिश करनी चाहिए। पौधारोपण से हमारा पर्यावरण हराभरा रहेगा
यमुना मैया कज आरती के बाद श्री बांके बिहारी वेलफेयर सोसायटी के संस्थापक अध्यक्ष डॉ मदन मोहन शर्मा ने अतिथियों का स्वागत व अभिनन्दन कर “यमुना साधक सम्मान”से विश्वजीत सिंह प्रीति चौधरी को सम्मानित भी किया। इस दौरान रवि सिसोदिया, विवेक कुमार शर्मा, लक्ष्मण दास गोकलानी, अभिषेकगर्ग, शोभित भार्गव, नकुल सारस्वत, विनय शर्मा श्रीकांत आदि मौजूद रहे।