आगरा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लाख कोशिशों के बावजूद भी भ्रष्टाचार अभी तक पूर्ण रूप से खत्म नहीं हो सका है। खासतौर से आगरा के थानों के सिपाही की रिश्वतखोरी, दलाली और भ्रष्टाचार के नए-नए मामले सामने आ रहे हैं। ताजा मामला राजामंडी चौराहे के एम.एम. गेट थाने में तैनात सिपाहियों का है और घटनाक्रम गुरुवार की रात का है।
होता कुछ यूं है कि एक्टिवा एक सवार युवक पायल का कुछ सामान लेकर राजामंडी चौराहे से गुजरता है। तभी ट्रैफिक के सिपाही एक्टिवा सवार युवक का चालान कर देते हैं और चालान करने के बाद जैसे ही एक्टिवा सवार चलने लगता है। तभी कुछ ही देर बाद एम.एम. गेट थाने के दो सिपाही जो कोबरा पर तैनात थे वह उस युवक को दोबारा पकड़ लेते हैं।
युवक की तलाशी ली जाती है तो एक्टिवा से बनी बनाई पायल बरामद होती हैं। बस फिर क्या था। सिपाहियों की उड़ के लग गई और सिपाही उस सामान को चोरी का बताने लगे तो युवक गिड़गिड़ाने लगा। गिड़गिड़ाते युवक ने सिपाहियों को रिश्वत कर लालच दिया तो पुलिस का इमान डिग गया और चंद रुपयों में सिपाहियों का ईमान बिक गया।
युवक ने अपनी जेब से 200 निकाले। 100-100 के दो नोट दिए और सिपाहियों ने उसे जेब में रख लिए। चौराहे पर 200 में बिके सिपाहियों का वीडियो पूरे शहर में वायरल हो गया है। वायरल होने के बाद पुलिस महकमे में तरह-तरह की चर्चा है।
इस वीडियो में साफ तौर पर एम.एम. गेट थाने में तैनात सिपाही युवक से पैसे लेते दिख रहे हैं। सवाल इस बात का है कि अगर माल चोरी का था तो युवक छोड़ा क्यों गया और माल अगर चोरी का नहीं था तो रिश्वत क्यों ली गई। अब देखना होगा कि सिपाहियों का रिश्वत लेते वीडियो वायरल होने के बाद क्या कार्यवाही होती है