आगरा। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से लड़ना इतना आसान नहीं जितना आप सोच रहे हैं। आगरा में कोरोना वायरस की अगर हम बात करें तो बीते दिनों में बड़ी तेजी से कोरोना का आंकड़ा बढ़ा है। कोरोना का प्रकोप शहर के मलिन और दलित बस्तियों में भी प्रवेश कर चुका है और कम्यूनिटी ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है जिसको लेकर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
आगरा के सीएमओ डॉ. मुकेश कुमार वत्स का कहना है कि हम लगातार लोगों की सैंपलिंग करा रहे हैं। जितने भी कोरोना वायरस पॉजिटिव केस सामने आ रहे हैं, उन्हें आइसोलेट किया जा रहा है, उनका इलाज कराया जा रहा है। पॉजिटिव केस की कड़ी में आने वाले हर एक व्यक्ति की सेम्पलिंग कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि आगरा शहर में ट्रैवलिंग और मेडिकल फैसिलिटी ऐसी है कि यहां 10-12 जिलों से काफी लोगों का आना-जाना रहता है इसलिए हमें कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई में मुश्किल हो रही है लेकिन स्थिति हमारे नियंत्रण में है।
सीएमओ ने कहा कि आगरा में सबसे पहले वैश्विक महामारी कोरोनावायरस ए ग्रेड के लोगों में थी। यानी चिकित्सा और व्यवसाय से जुड़े लोग सबसे पहले कोरोना वायरस के शिकार हुए। मगर चिंता की बात यह है कि अब कोरोना दलित और मलिन बस्तियों में प्रवेश कर चुका है जो कि और ज्यादा घातक हो गया है। ऐसे में लोग अपने आप को घरों में क्वॉरेंटाइन करें और लॉकडाउन का पूर्ण तरीके से पालन करें जिससे वैश्विक महामारी से जंग जीती जा सके।
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी के मामले में आगरा पहले पायदान पर है। यहां प्रतिदिन केसों में बढ़ोतरी हो रही है। जिसको लेकर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के होश उड़े हुए। हालांकि कुछ लोग ठीक होकर घर जरूर गए हैं। मगर ठीक होने वाले मरीजों की संख्या कम और यहां पॉजीटिव केस की संख्या ज्यादा आ रही है। जिसको लेकर ताजनगरीवासी दहशत और डर के साए में जी रहे हैं।