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बाल श्रम विभाग की लापरवाही से बढ़ रही है नाबालिगों के काम करने की तादाद

by admin

आगरा। बाल श्रम को रोकने के लिए श्रम विभाग कटिबद्ध है। सामाजिक संस्थाएं व एनजीओ भी बाल श्रम को रोकने के लिए प्रयासरत हैं लेकिन इसके बावजूद बाल श्रम पर पूरी तरह से रोक नही लग पा रही है। जिस उम्र में बच्चों को पढ़ना लिखना चाहिए उस उम्र में ही उनके कंधों पर आर्थिक जिम्मेदारी डाल दी गयी है। इसलिए तो बच्चे कभी सड़क किनारे मोटरसाइकिल रिपेयरिंग या फिर पंचर की दुकान पर काम करते हुए दिखाई दे जाते हैं या फिर किसी शॉप में झाड़ू लगाते हुए दिखाई देंगे।

बाल श्रम को लेकर सोशल मीडिया पर भी कुछ वीडियो तेजी के साथ वायरल हो रहे हैं। यह वायरल वीडियो एक शादी समारोह के हैं। इस शादी समारोह में छोटे छोटे बच्चे काम करते हुए दिखाई दे रहे है। बच्चें लोगों की खानों की प्लेट उठा रहे है तो कुछ बच्चें डस्टबिन को बाहर उठाकर ले जा रहे है। कुछ बच्चों से बर्तनों को साफ करवाया जा रहा है। ऐसा ही कुछ नजारा आजकल बारातों में भी देखने को मिल रहा है। छोटे छोटे बच्चों से बैंड बाजों की लाइट वाली झाड़ो को उठवाया जा रहा है। कुछ दिन पहले बैंड बाजों की झाड़ को उठा रहे बच्चों का भी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।

शादी समारोह में छोटे छोटे बच्चों से झूठी खाने की प्लेट उठवाने, उनसे बर्तन धुलवाने और कूड़े के डस्टबिन उठवाने, बारात में लाइट की झाड़ उठवाने को लेकर आर.टी.आई एक्टिविट्स नरेश पारस काफी नाराज हैं और उन्होंने श्रम विभाग को लेकर अपनी तीखी प्रतिक्रियाएं भी व्यक्त की हैं। आरटीआई एक्टिविस्ट नरेश पारस का कहना है कि जब तक बच्चा 18 साल की उम्र पार नहीं कर लेता उसे किसी भी तरह से संबंधित काम नहीं लिया जा सकता। इसमें सजा का भी प्रावधान है लेकिन यह सब श्रम अधिकारियों की लापरवाही के कारण हो रहा है। उन्होंने 2011 में शादी समारोह में बच्चों से काम कराए जाने और बरातों में लाइट की जाल उठाए जाने से संबंधित तत्कालीन उप श्रम आयुक्त को ज्ञापन दिया था जिसे उन्होंने गंभीरता से लिया था। जब तक वह रहे, बाल श्रम अपराध को लेकर गंभीर रुख अपनाया लेकिन उनके जाने के बाद एक बार फिर श्रम विभाग ने अपनी लापरवाही सामने आई और छोटे-छोटे बच्चों से श्रम कराए जाने लगा। 2019 में एक बार फिर उन्होंने इस मामले को लेकर आवाज उठाई है और श्रम विभाग को ज्ञापन भी दिया है लेकिन इस बार इस ज्ञापन पर अमल होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा। इसलिए आए दिन सोशल मीडिया पर छोटे-छोटे बच्चों से शादी समारोह में काम कराए जाने और बरातों में लाइट की झाड़ उठाए जाने के वीडियो वायरल हो रहे हैं।

इस पूरे मामले को लेकर उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन के अध्यक्ष तुलाराम शर्मा का कहना था कि मामला बेहद गंभीर है। स्थानीय स्तर पर विभाग की लचर कार्यप्रणाली के चलते बालश्रम रुक नहीं पा रहा है। लोगों को मालूम है कि बाल श्रम गैरकानूनी है लेकिन कुछ लोग अपने फायदे के लिए शादी समारोह में बच्चों से काम करा रहे हैं तो बैंड बाजों में लाइट की झाड़ उठवा रहे है। इस पूरे मामले को लेकर श्रम मंत्री और प्रमुख सचिव श्रम से मुलाकात की जाएगी जिससे बाल श्रम पर पूरी तरह से रोक लग सके।

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