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‘चंचल’ ने पूरे किये आज़ादी के 10 साल

by admin
'Chanchal' completes 10 years of independence

आगरा। ‘चंचल’ की आजादी के दस साल। कुछ इस तरह मनाई अपनी स्वतंत्रता की वर्षगांठ।

नोएडा में सड़क दुर्घटना में हुई थी घायल
सड़क दुर्घटना में घायल हुई चंचल को वाइल्डलाइफ एसओएस के हाथी संरक्षण एवं देखभाल केंद्र में 10 साल पूरे हो गए। नोएडा में हाईवे पर ट्रक से हुई भीषण टक्कर ने चंचल को ना ही केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से आघात पहुचाया था।

अब जी रही बेहतर जीवन
दस साल पहले, वन्यजीव संरक्षण संस्था वाइल्डलाइफ एसओएस ने चंचल को बचाया और उसे मथुरा स्थित हाथी संरक्षण एवं देखभाल केंद्र में ले आए, जहां उसे एक सुरक्षित और बहतर जीवन जीने का मौका मिला।

कर्मचारियों ने चारे का उपयोग करके ’10’ संख्या के आकार में एक खाने योग्य संरचना तैयार किया

बाएं पैर के जोड़ को किया गया था अलग
चंचल एक भीख मांगने वाली हथिनी थी, जो हाईवे पर ट्रक से टक्कर लगने के बाद बुरी तरह घायल अवस्था में मिली थी, टक्कर का प्रभाव इतना गहरा था की उसके पूरे शरीर पर घाव थे और वह लहूलुहान थी। जब चंचल 2012 में वाइल्डलाइफ एसओएस के हाथी संरक्षण एवं देखभाल केंद्र पहुची, तो वह ठीक से स्वयं का वज़न भी नहीं उठा पा रही थी, इस दुर्घटना ने उसके बाएं पैर के जोड़ को स्थायी रूप से अलग कर दिया था।

बिजली और लक्ष्मी के रूप में मिली दोस्त
एनजीओ की पशु चिकित्सा टीम द्वारा समर्पित उपचार और देखभाल के कारण, उसने धीरे-धीरे खुद को नए माहौल में ढाला और उसके घाव भी भरने लगे। पिछले 10 वर्षों में, चंचल को बिजली और लक्ष्मी के रूप में दोस्त मिली और समय के साथ-साथ, तीनों में अटूट दोस्ती का बंधन बन गया। चंचल के दस साल के इस नए और सुखद अनुभव में लक्ष्मी और बिजली ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

चंचल को बिजली और लक्ष्मी के रूप में दोस्त मिली, उसने पार्टी भी इन्हीं के साथ की।

काफी यातनाएं सही चंचल ने
वाइल्डलाइफ एसओएस के डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स, बैजूराज एम.वी बताते हैं की, “शुरुवात में चंचल की हालत देख कर कोई भी यह बता सकता था की उसने अतीत में बहुत यातनाएं सही होंगी – उसका असामान्य तरीके से चलना और अंकुश द्वारा पिटाई की वजह से उसके फटे हुए कान, सभी उसके साथ की गई क्रूरता की और साफ़-साफ़ इशारा कर रहे थे। ”

अब पूरी तरह बदल चुकी है चंचल
आज लगभग 26 वर्षीय चंचल पूरी तरह से बदल चुकी है जिसे वाइल्डलाइफ एसओएस के सेंटर में लंबी सैर पर जाना और स्वादिष्ट एवं पौष्टिक खाना बेहद पसंद है। उसे पानी में अठखेलियों का भी शौक है, वह घंटों तक अपने पूल से बाहर ही नहीं आती एवं नदी में भी डुबकी लगाने का भरपूर आनंद उठाती है – जिसका उसने इससे पहले कभी अनुभव नहीं किया था।

कुछ ऐसी थी तैयारियां
स्वतंत्रता की दसवीं वर्षगाँठ मनाने के लिए वाइल्डलाइफ एसओएस टीम ने चंचल के लिए कुछ खास तैयारियां की। उसकी देखभाल करने वाले कर्मचारियों ने चारे का उपयोग करके ’10’ संख्या के आकार में एक खाने योग्य संरचना तैयार किया। टीम ने विभिन्न तरह के कटे हुए फलों और सब्जियों के साथ एक जंबो फीस्ट भी तैयार किया। यमुना नदी में अपनी सहेलियों के साथ नहाने के बाद चंचल ने बिजली और लक्ष्मी के साथ ताज़ा रसीले फल और सब्जियों के फीस्ट का आनंद उठाया।

वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “हाथी अत्यधिक समझदार और भावुक जानवर हैं और जंगल या कैप्टीवीटी दोनों में ही मजबूत पारिवारिक रिश्ते बनाते हैं। बहुत लंबे समय तक अलग रहने से भी हाथी के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए चंचल, बिजली और लक्ष्मी के अटूट बंधन को देखना हमारे लिए भावुक एवं सुकून भरा अनुभव हैं।”

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